केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संसदीय क्षेत्र रायसेन जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित कर किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए.
बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिले में खाद की उपलब्धता की समीक्षा की और जिलाधिकारियों को किसानों को खाद की कमी न होने देने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसानों को लाइन में लगने की जरूरत नहीं होनी चाहिए, वितरण व्यवस्था इस प्रकार हो कि किसानों को आसानी हो.
शिवराज सिंह ने डीएपी (DAP) खाद की जरूरतों के बारे में पूरी जानकारी लेने के साथ-साथ कालाबाजारी और डायवर्टिंग को रोकने के लिए भी कड़ा निर्देश दिया. उन्होंने कलेक्टर को कहा कि वे खाद की जरूरत और वितरण व्यवस्था पर विशेष कार्य योजना बनाएं ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो.
कृषि और उर्वरक मंत्रालय तथा राज्य सरकार को संयुक्त रूप से खाद की समस्या समाप्त करने का निर्देश दिया गया.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि किसानों को खाद की उपलब्धता की जानकारी सोशल मीडिया पर नियमित रूप से दी जाए ताकि उन्हें विश्वास हो कि खाद की कोई कमी नहीं है. उन्होने कहा, अरहर, सोयाबीन और मक्का के मामले में किसानों की चिंता को अधिकारी पूरी गंभीरता से लें.
फसल बीमा योजना को लेकर भी शिवराज सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सोयाबीन की फसल के नुकसान का सही आंकलन कर किसानों को जल्द से जल्द क्लेम दिलाया जाए. उन्होंने कहा कि फसल कटाई के प्रयोगात्मक सर्वे से फसल का सही आकलन किया जाए, ताकि किसानों को सही मुआवजा मिल सके.
इसके अलावा, शिवराज सिंह ने हाल ही में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था, जहां उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के घरों की मरम्मत और निर्माण के लिए 1.60 लाख रुपये प्रति घर के प्रावधान को केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ मिलकर तेजी से लागू करने का आश्वासन दिया.
रायसेन नगर पालिका की सड़कों की स्थिति की समीक्षा करते हुए, उन्होंने दिवाली की तैयारी और स्वच्छता के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को देश के 100 आकांक्षी जिलों में कृषि उत्थान के लिए 11 मंत्रालयों की 36 उप-योजनाओं को एक साथ लाया गया है. इसी को ध्यान में रखते हुए शिवराज सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द ही इन 11 मंत्रालयों के मंत्रियों और सचिवों सहित नीति आयोग के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित जाए, जिससे प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का अधिकतम लाभ देश के किसान भाई-बहनों को मिल सके.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ को समय से लागू कराने के लिए इस मिशन से जुड़े राज्यों से नोडल अधिकारियों के साथ भी एक बैठक आयोजित करने का अधिकारियों को निर्देश दिया, जिससे कि मिशन को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके.