उत्तर प्रदेश में भीषण ठंड ने दस्तक दे दी है. इसके साथ ही किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जिसमें गन्ना किसानों की चुनौतियां अधिक बढ़ी हुई हैं. असल में इस समय गन्ना बेचने के लिए चीनी मिलों की लाइन पर किसान तड़के से ही लग जाते हैं तो वहीं कई जगहों पर किसानों का पूरी रात इंतजार खत्म नहीं होता है. ऐसे में किसानों को भीषण ठंड का सामना करना पड़ता है, जिसे देखते हुए यूपी सरकार ने गन्ना किसानों राह आसान बनाने का फैसला लिया है. जिसकी तरफ गन्ना किसानों को चीनी मिलों पर ही चाय और अलाव की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
उत्तर प्रदेश में काेहरे और ठंड के प्रकोप को देखते हुए प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने गन्ना किसानों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए हैं. प्रदेश के गन्ना किसानों को चीनी मिलों के गेट पर ही अलाव और पेयजल की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.गन्ना आयुक्त द्वारा बताया गया है गन्ना किसानों के द्वारा चीनी मिल गेट एवं वाह्य गन्ना केंद्रों पर दिन-रात गन्ने की आपूर्ति हो रही है.ठंड बढ़ जाने के कारण किसानों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.इसलिए चीनी मिलों के गेट पर ही गन्ने की तौल के दौरान अलाव की व्यवस्था को किया जाना जरूरी है, जिससे कि गन्ना कृषकों को ठंड से राहत मिल सके.
उत्तर प्रदेश में पेराई सत्र 2022-23 चल रहा है.1 नवंबर से जारी पेराई सत्र के दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश में गन्ने की आपूर्ति का काम तेजी से चल रहा है.चीनी मिलों पर दिन-रात गन्ना किसानों उनके द्वारा गन्ने की आपूर्ति की जा रही है.इस दौरान बढ़ती भी ठंड और कोहरे के प्रकोप को देखते हुए प्रदेश के गन्ना आयुक्त द्वारा किसानों को शीतलहर से बचाने के लिए अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.अब चीनी मिलों के गेट एवं वाह्य क्रय केंद्रों पर गन्ने की तौल के दौरान ही किसानों को अलाव की व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि चीनी मिल गेट एवं यार्ड पर अलाव की व्यवस्था होने से भीषण ठंड से किसान को ठिठुरना नहीं पड़ेगा.रात के समय चीनी मिल गेट पर अलाव, चाय विश्रामगृह और यार्ड में उचित व्यवस्था होने से किसानों को ठंड से राहत मिल सकेगी.क्षेत्र के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि कृषकों से चीनी मिल यार्ड में मुलाकात कर उन्हें विभागीय योजनाओं की जानकारी दें और उनका फीडबैक भी प्राप्त करें.गन्ना की अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को किसी भी तरह की व्यवहारिक समस्या आ रही है तो उसका तत्परता से समाधान किया जाए.