खेती-बाड़ी करना कई मामलों में एक जोखिम भरा पेशा है. इसमें कई किसान खेत में काम करते-करते या और भी कई तरह से दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है. किसानों की ऐसी समस्या का समाधान करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के हित में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का संचालन करती है, जिससे किसानों को पीड़ित होने पर या उनकी मृत्यु हो जाने पर परिवार को मुआवजा राशि दी जाएगी. पिछले छह साल में किसानों को आर्थिक राशि देने में नौ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इससे प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सबल होने में मदद मिली है. आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी जानकारी.
राज्य सरकार किसानों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना चलाती है, जिसके तहत खेती के दौरान अगर किसान किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है, तो उसे पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है. अलग-अलग दुर्घटना में अलग-अलग आर्थिक सहायता दी जाती है. जैसे खेती के दौरान किसान का हाथ-पैर कट जाए या मौत हो जाए तो ऐसी स्थित में पांच लाख रुपये. इसके अलावा इलाज के लिए अलग से ढाई लाख रुपये दिए जाते हैं. वहीं अगर किसान दुर्घटना की वजह से विकलांग हो जाए और उसकी विकलांगता प्रतिशत 35 और 50 प्रतिशत के भीतर है तो ऐसे में उसे एक से दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है.
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना को 21 जनवरी 2020 को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी थी. मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना योजना के अंतर्गत राज्य के किसी भी किसान की कोई दुर्घटना में यदि मृत्यु हो जाती है तो उन किसानों के परिवार को पांच लाख का मुआवजा दिया जायेगा.
यूपी में किसानों के हित के लिए पिछले छह सालों यानी 2017-23 में 2335 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है. वहीं 2012 से 2017 के बीच में किसानों को 252 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई थी.