Potato: दिल्ली-एनसीआर को हर रोज चाहिए आलू की 100 से 125 गाड़ियां, जानें डिटेल

Potato: दिल्ली-एनसीआर को हर रोज चाहिए आलू की 100 से 125 गाड़ियां, जानें डिटेल

दिल्ली-एनसीआर में आलू खपत की बात करें तो सासनी (अलीगढ़) और हाथरस के आलू किसान करीब दो से सवा दो करोड़ आलू के पैकेट (50 किलो का एक) कोल्डो स्टोरेज में रखते हैं. यही आलू धीरे-धीरे दिल्ली -एनसीआर की बड़ी मंडियों आजादपुर, ओखला और गाजीपुर में सप्लाई होता रहता है. नई फसल आने तक पूरा आलू दिल्ली में ही सप्लाई जाता है. 

Advertisement
Potato: दिल्ली-एनसीआर को हर रोज चाहिए आलू की 100 से 125 गाड़ियां, जानें डिटेलआलू का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट- विक्की अरोड़ा

दिल्ली-एनसीआर की सब्जी मंडियों में सबसे ज्यादा बिकने वाली सब्जी आलू है. अगर रोजाना की आलू बिक्री पर नजर डालें तो 100 से 125 गाड़ियां आलू की बिक जाती हैं. सर्दी के मौसम में ये आंकड़ा और बढ़ जाता है. क्योंकि सर्दी के मौसम की ज्यादातर हरी सब्जियों के साथ आलू मिक्स होकर बनता है. गौरतलब रहे कि दिल्ली-एनसीआर में आजादपुर, ओखला और गाजीपुर तीन बड़ी मंडियां हैं. तीनों ही मंडी में पश्चिीमी उत्तर प्रदेश का आलू आता है. खासतौर पर आगरा-अलीगढ़ और हाथरस दिल्ली-एनसीआर में पसंद किया जाता है. इसके पीछे भी एक बड़ी वजह है. 

ये वजह हम खबर में आपको आगे बताएंगे. लेकिन आलू एक्सपर्ट के मुताबिक आगरा-अलीगढ़ में कुफरी बाहर, कुफरी चिप्सोना, कुफरी सदाबहार, कुफरी सूर्या, कुफरी आनंद, कुफरी पुखराज, कुफरी बादशाह, कुफरी ख्याति और कुफरी गरिमा आलू बड़ी मात्रा में पैदा किया जाता है. दोनों ही जगह का आलू खासतौर पर दिल्लीख-एनसीआर के अलावा सबसे ज्यादा नेपाल, भूटान, वर्मा, बांग्लादेश और श्रीलंका में भी खाया जाता है. 

इसे भी पढ़ें:Dairy Export: दुनिया के 136 देश खाते हैं दूध उत्पादन में नंबर वन भारत का बना घी-मक्खन

इसलिए खास तीन शहरों का आलू पसंद है दिल्ली-एनसीआर को

वैसे तो फर्रुखाबाद, संभल, एटा, कासगंज, टूंडला, फिरोजाबाद आदि जगहों पर भी आलू की पैदावार अच्छी है. लेकिन दिल्ली-एनसीआर को सिर्फ आगरा-अलीगढ़ और हाथरस का ही आलू ज्यावदा पसंद आता है. हालांकि दिल्ली-एनसीआर की मंडियों में पश्चिामी उत्तर प्रदेश के दूसरे शहरों से भी आलू आता है, लेकिन बहुत ही कम मात्रा में. इसके पीछे की वजह बताते हुए सासनी (अलीगढ़) के आलू किसान विनोद ने किसान तक को बताया कि एक लम्बे वक्त तक कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने के चलते उसके अंदर मिठास आ जाती है. जितने ज्यादा वक्त तक आलू कोल्ड में रहेगा उतनी उसके अंदर मिठास बढ़ती जाएगी. 

यही वजह है कि जब कोल्ड‍ स्टोरेज से आलू खत्म होने के कगार पर होता है तो उसके अंदर बहुत ज्यादा मिठास आ जाती है. हालांकि यह मिठास कोई एक-दो दिन में पैदा नहीं होती है. कोल्ड स्टोरेज में रखा आलू धीरे-धीरे मीठा होने लगता है. जैसे आगरा का आलू अक्टूबर-नवंबर तक कोल्ड स्टोरेज में रहता है. इस वक्त के सप्लाई हुए आलू में बहुत ज्यादा मिठास आ जाती है. इसके चलते आलू के दाम भी गिर जाते हैं. ऐसे में आलू किसान जल्द से जल्द ऐसे आलू को खत्म करता है. 

ये भी पढ़ें- Poultry Export: संडे हो या मंडे विदेशों में हर रोज खाए जा रहे हैं भारतीय अंडे

इसलिए आलू में आ जाती है मिठास 

सेंट्रल पोटेटो रिसर्च सेंटर, पटना के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. शि‍व प्रताप सिंह ने इस बारे में किसान तक को बताया कि जब हम आलू को कोल्ड स्टोरेज में तीन से चार डिग्री तापमान पर रखते हैं तो उसमे मौजूद स्टार्च शुगर में बदलने लगता है. लेकिन जब हम तापमान 10 से 12 रखते हैं तो आलू की प्राकृतिक अवस्था बरकरार रहती है. इस तापमान पर आलू जमे न इसके लिए सीआईपीसी केमिकल का छिड़काव किया जाता है.  इससे कोल्डआ में आलू रखने का खर्च बढ़ जाता है.

 

POST A COMMENT