
उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा जनसंख्या वाला प्रदेश है. वही अब प्रदेश को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरा भरा प्रदेश बनाने के लिए पिछले 6 वर्षों से प्रयासरत हैं. प्रदेश में वर्ष 2023 में एक दिन में 35 करोड़ पौधारोपण किए जाने का लक्ष्य भी रखा गया है जो कि पिछले साल के पौधारोपण के लक्ष्य से काफी ज्यादा है. वन विभाग की निगरानी में प्रदेश के 27 विभाग मिलकर पौधारोपण की इस अभियान को सफल बनाएंगे. इस वर्ष ग्राम्य विकास विभाग को 12.59 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य मिला है. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वृक्षों को लगाना बहुत जरूरी है लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है उन्हें बचाना. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि लक्ष्य की पूर्ति हेतु प्रत्येक वर्ष की भांति जुलाई के प्रथम सप्ताह में वन महोत्सव मनाया जाएगा. इस की कार्य योजना तैयार करते हुए निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने को कहा. वृक्षारोपण के पश्चात आगामी 2 वर्षों तक उन्हें स्थापित होने तक सुरक्षा एवं रखरखाव किए जाने के भी निर्देश दिए हैं.
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने वर्ष 2023 में एक दिन में जुलाई में 35 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है. पौधारोपण के लिए वन विभाग और उसकी देखरेख में कृषि जलवायु क्षेत्र की नर्सरी में करीब 54 करोड़ पौधे को तैयार किया गया है. मानसून के रुख को देखते हुए जुलाई में किसी एक दिन को निर्धारित करके यह महा अभियान चलाया जाएगा. योगी आदित्यनाथ की सरकार पहले कार्यकाल में 100 करोड़ से अधिक पौधारोपण कर चुकी है. वही दूसरे कार्यकाल में अगले 5 साल में 175 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य भी रखा गया है.
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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमें अपने बच्चों की तरह वृक्षों और पौधों की परवरिश करनी चाहिए. वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकार और समाज दोनों मिलकर काम करना होगा तभी हम अपनी पीढ़ी को स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण दे पाएंगे. पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के दृष्टिकोण से ही अमृतसर सरोवरो का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने कहा हम सब को संकल्प लेना चाहिए कि परमार्थ का भाव रखते हुए वृक्षारोपण करें और पौधों को बचाएं. उन्होंने वृक्षों की महत्ता और महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वृक्ष धरा के आभूषण हैं. इनसे हमें शुद्ध ऑक्सीजन मिलती है और पर्यावरण सुरक्षित रहता है.