प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, इसका नाम सुनते ही देश के करोड़ों किसानों के चेहरे पर एक राहत देखने को मिलती है. किसानों को अब योजना की 20वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार है. इस बीच, योजना को लेकर कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में जानकारी दी. उन्होंने अपने लिखित उत्तर में योजना से जुड़ी तमाम अहम जानकारियां दी, जिन्हें हम आपको बड़े ही आसान तरीके से समझा रहे हैं.
केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि याेजना, एक सेंट्रल सेक्टर स्कीम है, जिसे 2019 में शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य कृषि योग्य भूमिधारक किसानों को वित्तीय मदद देना है. योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल तीन समान किस्तों में कुल 6,000 रुपये उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में सीधे डीबीटी के माध्यम से दिए जाते हैं. हालांकि, उच्च आय वर्ग के कुछ किसानों को योजना से बाहर रखा गया है.
सरकार ने योजना की शुरुआत से अब तक कुल 3.69 लाख करोड़ रुपये किसानों को बांटे हैं. 19वीं किश्त 24 फरवरी, 2025 को जारी की गई थी, जिसमें 10 करोड़ से अधिक किसानों को 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उनके खाते में भेजी गई.
इसके लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर सेचुरेशन अभियान चलाती है. 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' जैसे अभियानों के जरिए अब तक 1 करोड़ से अधिक नए किसानों को योजना में जोड़ा गया है. वहीं, सरकार के 100 दिनों की पहल के तहत 25 लाख नए पात्र किसानों को योजना से जोड़ा गया. लंबित मामलों को निपटाने के लिए भी सितंबर 2024 से विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें 30 लाख से अधिक स्व-पंजीकरण मामलों को मंजूरी दी गई है.
पीएम-किसान पोर्टल पर 'किसान कॉर्नर' और 'नो योर स्टेटस' जैसी सुविधाएं दी गई हैं, जिससे किसान अपनी पात्रता और भुगतान स्थिति जांच सकते हैं. इसके अलावा, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर भी यह जानकारी उपलब्ध है.
सरकार ने एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र बनाया है. किसान पीएम-किसान पोर्टल पर शिकायत मॉड्यूल या सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इनका समाधान संबंधित राज्य और जिला अधिकारियों द्वारा समयबद्ध ढंग से किया जाता है.
सरकार ने वॉइस-बेस्ड ‘किसान ई-मित्र’ एआई चैटबॉट लॉन्च किया है, जो 11 भाषाओं में चौबीसों घंटे किसानों को तुरंत और सटीक जानकारी देता है. यह चैटबॉट मोबाइल, वेब आदि सभी प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है, जिससे किसानों के लिए योजना से जुड़ना और भी आसान हो गया है.