प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (PM-Kisan) के तहत एक झटके में ही करीब पौने तीन करोड़ लाभार्थी कम कर दिए गए हैं. ऐसे में बहुत सारे लोगों को यह समझ में ही नहीं आ रहा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें स्कीम से बाहर कर दिया गया. लाभार्थियों की सबसे ज्यादा कटौती लैंड रिकॉर्ड में गड़बड़ी और आयकरदाता होने की वजह से हुई है. कुछ लोगों का कहना है कि उनके नाम पर तो कृषि योग्य जमीन है फिर भी उनका पैसा बंद कर दिया गया. दरअसल, पीएम किसान स्कीम की मुख्य शर्त आवेदक के पास कृषि योग्य जमीन होना है, लेकिन इस शर्त के अंदर भी एक शर्त है. जिसके बारे में कम ही लोगों को पता है. इसी दूसरी शर्त की वजह से खेती होने के बाद भी आपको योजना से बाहर कर दिया गया है. इस कंडीशन को योजना की 13वीं किस्त आने से पहले आप समझ लीजिए.
आवेदक के पास सिर्फ जमीन होना ही काफी नहीं है. भूमि स्वामित्व के लिए कट-ऑफ का समय फरवरी, 2019 तय है. यानी जिसके नाम पर फरवरी 2019 या उससे पहले कृषि योग्य जमीन होगी उसी को इस योजना का फायदा मिलेगा. हालांकि, किसी किसान की मृत्यु के कारण अगर उसके बेटे या बेटी के नाम विरासत हुई है तो यह कट-ऑफ नहीं लागू होगी. वह कभी भी आवेदन करेगा योजना के लिए पात्र माना जाएगा. लेकिन सामान्य स्थिति में यदि आपके नाम फरवरी 2019 के बाद जमीन हुई है और उसके आधार पर आपने पीएम किसान योजना में आवेदन किया है तो आप कायदे से पात्र नहीं माने जाएंगे.
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राज्य | 11वीं किस्त | 12वीं किस्त | कटौती |
यूपी | 24091647 | 17959303 | 6132344 |
हरियाणा | 1841201 | 1277620 | 563581 |
हिमाचल प्रदेश | 942080 | 551602 | 390478 |
जम्मू-कश्मीर | 1092353 | 417180 | 675173 |
झारखंड | 2225373 | 968588 | 1256785 |
केरल | 3461911 | 1934506 | 1527405 |
महाराष्ट्र | 10125979 | 8987788 | 1138191 |
ओडिशा | 3310618 | 2094928 | 1215690 |
पंजाब | 1696355 | 205308 | 1491047 |
राजस्थान | 7110891 | 5470330 | 1640561 |
Source: Ministry of Agriculture
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 54 लाख अपात्र किसानों को 4352 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. इनसे वसूली की कोशिश जारी है. अपात्रों को ट्रांसफर होने वाली रकम लगातार बढ़ने से परेशान सरकार ने अब नियम सख्त कर दिए हैं. अपात्र लाभार्थियों को ट्रांसफर की गई रकम की वसूली के लिए आवश्यक प्रक्रिया तैयार कर ली है. अब यह रकम राज्य सरकारों के माध्यम से या सीधे पीएम-किसान पोर्टल के माध्यम से वापस की जा सकती है. राज्य सरकारों के माध्यम से वसूली के लिए आवश्यक एसओपी जारी की गई है. पीएम-किसान पोर्टल के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से धनराशि वापस करने के लिए उसके 'किसान कॉर्नर' में एक विकल्प दिया गया है.
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