
देश के करोड़ों किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 21वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मोदी सरकार के किसानों के लिए इस मुख्य डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर प्रोग्राम की 20वीं किस्त इस साल 2 अगस्त को जारी की गई थी और उससे पहले 19वीं किस्त 24 फरवरी को जारी की गई थी. इसलिए अगली किस्त इस साल की तीसरी किस्त होगी, जो मौजूदा लाभार्थियों के पूरे वेरिफिकेशन के बाद ही ट्रांसफर की जाएगी, क्योंकि सरकार ने लाखों ऐसे लोगों की पहचान की है जो गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठा रहे थे. इस जांच पड़ताल की वजह से किस्त में कुछ देरी हो रही है.
हालांकि, केंद्र सरकार ने अयोग्य और डुप्लीकेट लाभार्थियों को हटाने के लिए अपने वेरिफिकेशन और डेटाबेस क्लीन-अप अभियान को तेज कर दिया है. यह कदम, गड़बड़ी रोकने के लिए जरूरी होने के साथ-साथ, कई किसानों को इस बात को लेकर परेशान कर रहा है कि उनकी अगली किस्त समय पर आएगी या नहीं.
PM-KISAN योजना के तहत, सरकार हर योग्य किसान को सालाना 6,000 रुपये देती है, जो 2,000 रुपये की तीन किस्तों में दी जाती है. अब तक 20 किस्तें बांटी जा चुकी हैं, और किसान अब 21वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं, जिसके नवंबर 2025 के पहले पखवाड़े में आने की उम्मीद है. हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की गई है.
हाल ही में, सरकार ने जम्मू-कश्मीर के बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित किसानों के लिए 21वीं किस्त समय से पहले जारी कर दी है. इससे यह उम्मीद जगी है कि जल्द ही देश भर में भी किस्त जारी की जा सकती है.
एक तरफ देश के करोड़ों किसान अपना नाम चेक करने के लिए PM-KISAN पोर्टल को रिफ्रेश कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार चुपचाप इस योजना के लॉन्च के बाद से अपने सबसे बड़े डेटाबेस वेरिफिकेशन अभियानों में से एक चला रही है.
'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने कथित तौर पर 29 लाख से ज्यादा ऐसे "संदिग्ध" मामलों की पहचान की है जहां पति और पत्नी दोनों एक साथ लाभ ले रहे थे - जो पात्रता नियमों का उल्लंघन है.
इन मामलों का अब राज्य और जिला अधिकारियों की मदद से वेरिफिकेशन किया जा रहा है. अगर यह साबित हो जाता है कि ये लाभार्थी PM-Kisan योजना के तहत गलत तरीके से लाभ ले रहे थे, तो सरकार उन्हें लाभार्थियों की नई अपडेटेड लिस्ट से हटा देगी.
इससे पहले, 2022 में इसी तरह के एक अभियान के कारण PM-KISAN डेटाबेस से 1.72 करोड़ अयोग्य नाम हटा दिए गए थे, जिससे सरकारी खजाने को गलत भुगतान में करोड़ों रुपये की बचत हुई थी. इस बार, अधिकारी यह पक्का करने के लिए आधार, जमीन के मालिकाना हक और बैंक अकाउंट की डिटेल्स को क्रॉस-चेक कर रहे हैं कि आने वाली किस्त सिर्फ सही किसानों को ही मिले.
सरकार के वेरिफिकेशन का मतलब है कि अगर आधार नंबर, जमीन के रिकॉर्ड या बैंक अकाउंट लिंक जैसी डिटेल्स में कोई गड़बड़ी होती है, तो कुछ किसान कुछ समय के लिए एलिजिबिलिटी (पात्रता. पीएम किसान का पैसा लेने की योग्यता) खो सकते हैं.
अगली पेमेंट छूटने से बचने के लिए, रजिस्टर्ड किसानों से ऑफिशियल PM-किसान वेबसाइट (pmkisan.gov.in) पर अपना स्टेटस चेक करने का आग्रह किया जा रहा है.