भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आंध्र प्रदेश में सामान्य से अधिक दक्षिण-पश्चिम मानसून की भविष्यवाणी की है. इसलिए कृषि विभाग ने खरीफ 2024 के दौरान 34.26 लाख हेक्टेयर फसल कवरेज और 165.15 लाख मीट्रिक टन (एमटी) उत्पादन हासिल करने का लक्ष्य रखा है. खरीफ के लिए खेती का सामान्य दायरा 32.49 लाख हेक्टेयर है. खास बात यह है कि सब्सिडी पर 6.32 लाख क्विंटल बीज वितरित किया जाएगा. कितने भी जोत वाले आदिवासी किसानों को 90 फीसदी सब्सिडी पर बीज मिलेंगे.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, खरीफ 2024 की कार्ययोजना के अनुसार धान की खेती का लक्ष्य 15.63 लाख हेक्टेयर रखा गया है, जबकि सामान्य क्षेत्रफल 15.12 लाख हेक्टेयर है. अपेक्षित उत्पादन 85.47 लाख मीट्रिक टन है. ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी और अन्य छोटे बाजरा सहित मोटे अनाज की कुल खेती का लक्ष्य 1.94 लाख हेक्टेयर के सामान्य क्षेत्रफल के मुकाबले 2.19 लाख हेक्टेयर है. इसी तरह, दालों, जिनमें लाल चना, हरा चना और काला चना शामिल हैं, की खेती का लक्ष्य 3.34 लाख हेक्टेयर है, जबकि सामान्य सीमा 2.97 लाख हेक्टेयर है. कुल खाद्यान्न की खेती का लक्ष्य 21.16 लाख हेक्टेयर है, जबकि सामान्य सीमा 20.02 लाख हेक्टेयर है, जिससे 96.98 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन की उम्मीद है.
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धान के बाद, राज्य में खरीफ के दौरान बड़े पैमाने पर मूंगफली की खेती की जाती है, खासकर रायलसीमा में. इस खरीफ सीजन के लिए, लक्ष्य 5.92 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया गया है, जबकि सामान्य सीमा 5.55 लाख हेक्टेयर है. अपेक्षित उत्पादन 6.49 लाख मीट्रिक टन है. कुल तिलहन की खेती का लक्ष्य 6.58 लाख हेक्टेयर है, जबकि सामान्य सीमा 6.12 लाख हेक्टेयर है. कपास (लिंट) की खेती का लक्ष्य 5.98 लाख हेक्टेयर है, जबकि सामान्य सीमा 5.79 लाख हेक्टेयर है.
इसी प्रकार, गन्ने की खेती के लिए सामान्य सीमा 0.51 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 0.57 लाख हेक्टेयर और तम्बाकू के लिए सामान्य सीमा 0.04 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 0.05 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है. कृषि विशेष आयुक्त सी हरि किरण ने बताया कि सब्सिडी पर 6.32 लाख क्विंटल बीज की आपूर्ति का प्रस्ताव किया गया है, जिस पर सब्सिडी के लिए 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे. मूंगफली के बीज पर 40 फीसदी सब्सिडी, बाजरा और हरी खाद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी, दालों पर 30 फीसदी सब्सिडी और गैर-राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) क्षेत्रों में धान पर 500 रुपये प्रति क्विंटल और एनएफएसएम जिलों में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सब्सिडी देने का प्रस्ताव किया गया है.
एजेंसी मंडलों में आदिवासी किसानों के लिए 90 फीसदी सब्सिडी प्रस्तावित की गई है और भारी बारिश, बाढ़ और सूखे जैसी आकस्मिकताओं के मामले में, सरकार की मंजूरी के अधीन सब्सिडी 80 फीसदी प्रस्तावित की गई है. खरीफ के दौरान किसानों को 17.50 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की आपूर्ति करने की योजना है. इसमें से 5.60 लाख मीट्रिक टन का वितरण रायतु भरोसा केंद्रों के माध्यम से किया जाएगा. हरिकिरण ने कहा कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) ने किसानों के लिए 1,66,000 करोड़ रुपये के ऋण (फसल ऋण) की व्यवस्था करने की योजना बनाई है और विभाग इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समन्वय करेगा. उन्होंने कहा कि इसमें से 99,600 करोड़ रुपये खरीफ के लिए होंगे.
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