MGNREGA Job Card: मनरेगा के बढ़े बजट का फायदा नहीं उठा पाएंगे 85 लाख मजदूर, सरकार ने बताई ये वजह 

MGNREGA Job Card: मनरेगा के बढ़े बजट का फायदा नहीं उठा पाएंगे 85 लाख मजदूर, सरकार ने बताई ये वजह 

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मनरेगा का बजट पिछली बार की तुलना में 26 हजार करोड़ रुपये बढ़ाया है. लेकिन, इस बजट का फायदा देश के 85 लाख से ज्यादा मनरेगा मजदूर नहीं ले पाएंगे. क्योंकि, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इन मजदूरों के जॉब कार्ड को सिस्टम से हटा दिया है. 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना.महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना.
रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Feb 20, 2024,
  • Updated Feb 20, 2024, 6:00 PM IST

केंद्र सरकार लोगों को 100 दिन रोजगार की गारंटी देने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा चला रही है. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मनरेगा का बजट पिछली बार की तुलना में 26 हजार करोड़ रुपये बढ़ाया है. लेकिन, इस बजट का फायदा देश के 85 लाख से ज्यादा मनरेगा मजदूर नहीं ले पाएंगे. क्योंकि, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इन मजदूरों के मनरेगा जॉब कार्ड को सिस्टम से हटा दिया है. 

केंद्र और यूपी सरकार ने मनरेगा का बजट बढ़ाया 

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2024 को बजट घोषणा में मनरेगा का बजट बढ़ा चुकी हैं. वित्त मंत्री ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का बजट 26 हजार करोड़ रुपये बढ़ा दिया है. पिछली बार यानी 1 फरवरी 2023 को केंद्र सरकार ने मनरेगा के लिए कुल 60 हजार करोड़ रुपये का बजट जारी किया था. जबकि, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए यह रकम बढ़ाकर 86 हजार करोड़ रुपये कर दी है.बजट बढ़ाने से स्पष्ट संकेत दिए गए थे कि सरकार ग्राम पंचायतों में ग्रामीण मजदूरों को रोजगार देती रहेगी और काम के अवसर बनते रहेंगे. बता दें कि यूपी सरकार ने 2024-25 के लिए मनरेगा के लिए 5060 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. 

85 लाख से ज्यादा जॉब कार्ड हटाए गए 

ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1 फरवरी 2024 तक कुल 85.64 लाख जॉब कार्ड सिस्टम से हटा दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि इन जॉब कार्ड को हटाने की कई वजहें रही हैं जैसे फर्जी जॉब कार्ड, डुप्लीकेट जॉब कार्ड, काम करने के इच्छुक नहीं, परिवार स्थायी रूप से ग्राम पंचायत से स्थानांतरित हो गया और जॉब कार्ड में एक व्यक्ति और उस व्यक्ति की मृत्यु हो गई है. वहीं, नरेगासॉफ्ट के अनुसार अप्रैल 2022 से अब तक यानी 1 फरवरी 2024 तक महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कुल 311.19 लाख जॉब कार्ड हटाए गए हैं. 

मनरेगा मजदूरी सीधे बैंक अकाउंट में जा रही 

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सिस्टम से हटाए गए 85.64 लाख जॉब कार्ड बैंक खातों के साथ आधार के लिंक न होने के कारण नहीं हटाए गए हैं. कहा गया है कि कार्ड को अपडेट करना या हटाना राज्यों की ओर से की जाने वाली एक नियमित प्रक्रिया है. कहा गया कि मनरेगा लाभार्थियों को मजदूरी का भुगतान सीधे लाभार्थी द्वारा प्रदान किए गए बैंक, डाकघर खाते में किया जा रहा है. मजदूरी का भुगतान आधार आधारित पेमेंट ब्रिज सिस्टम (एपीबीएस) के माध्यम से किया जाता है. यह व्यवस्था 1 जनवरी 2024 से अनिवार्य कर दी गई है. 

3 राज्यों से सर्वाधिक मजदूर मनरेगा में रजिस्टर

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कुल 25.81 करोड़ मजदूर रजिस्टर हैं. इनमें से 14.33 करोड़ को सक्रिय मजदूर के रूप में दर्शाया गया है. सक्रिय मजदूरों ने बीते 3 साल में कम से कम एक दिन काम किया है. मनरेगा में सर्वाधिक मजदूर 3 राज्यों महाराष्ट्र, वेस्ट बंगाल और उत्तर प्रदेश से रजिस्टर्ड हैं. इनमें महाराष्ट्र से सर्वाधिक 2.86 करोड़ मजदूर मनरेगा के लिए रजिस्टर्ड हैं. जबकि, वेस्ट बंगाल से 2.57 करोड़ और उत्तर प्रदेश से 2.01 करोड़ मजदूर मनरेगा के लिए रजस्टर्ड हैं. 

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