हरियाणा में खरीफ फसलें बिकने के लिए लगभग तैयार हैं. खासतौर पर बाजरा और धान. लेकिन, एक समस्या यह है कि मेरी फसल मेरा ब्योरा (Meri Fasal Mera Byora) पोर्टल पर कई किसानों का अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. ऐसे वो अपनी उपज नहीं बेच पाएंगे. सरकार ने पहले से ऐसी शर्त लगा रखी है कि जब तक इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं होगा तब तक कोई भी किसान अपनी फसल एमएसपी पर नहीं बेच सकता. यही नहीं खराब फसल का मुआवजा भी नहीं ले सकता. अब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और ब्यौरा देने की यही शर्त कई किसानों के गले की फांस बन गई है. ऐसे में अब पोर्टल को दोबारा खोलने के लिए भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने राज्य सरकार को एक पत्र लिखा है. ताकि जिन किसानों का अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है उनका रजिस्ट्रेशन हो जाए. जिससे उनकी फसल एमएसपी पर बिकने में कोई परेशानी न आए.
कृषि विभाग के निदेशक को लिखे पत्र में संगठन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि इस साल हरियाणा में आई बाढ़ और पोर्टल में तकनीकी खराबी के कारण काफी किसान 'मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल' पर अपनी फसल का ब्यौरा दर्ज करने से वंचित रह गए हैं. बाढ़ के कारण काफी किसानों ने दोबारा फसल की बिजाई की है, जिससे वे किसान पोर्टल पर फसल दर्ज नहीं कर पाए. दूसरी बात यह है कि आखिरी बार जब पोर्टल खुला था तब उसमें फसल दर्ज करने में काफी तकनीकी दिक्कत आ रही थी. इसलिए बहुत से किसान अपनी फसल का पूरा ब्यौरा दर्ज नहीं कर पाए.
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चढूनी ने कहा कि इसलिए सरकार इस पोर्टल को दोबारा खोले. ताकि किसान अपनी खरीफ की फसलों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करवा सके. फिर मंडियों में अपनी फसल बिना किसी परेशानी के बेच सके. बाढ़ के कारण जिन किसानों की फसलें खराब हो गई थीं और उनमें से कुछ किसानों ने दोबारा फसल लगाई है, सरकार द्वारा उन किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषणा की गई है. इस प्रकार का मुआवजा लेने के लिए किसानों को क्या करना होगा, इसके लिए सरकार ने क्या नियम व हिदायतें जारी की हैं इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है. इसकी जानकारी प्रदेश के किसानों दी जाए तो प्रभावित लोगों को आर्थिक राहत मिल सकेगी.
हरियाणा सरकार के मुताबिक किसान भाई सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 से शाम को 6 बजे तक टोल फ्री नंबर (18001802060) पर संपर्क करके पोर्टल से संबंधित जानकारी ले सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के लिए भी मदद मांग सकते हैं. मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल की शुरुआत 5 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की थी. यह पोर्टल जमीन के रिकॉर्ड के साथ इंटीग्रेटेड है. इससे सरकार यह जान पाती है कि किस किसान के पास कितनी जमीन है और उसमें कौन सी फसल लगाई गई है.
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसान ऑनलाइन ब्यौरा दर्ज करता है कि उसने कौन सी फसल लगाई है और उसका एरिया क्या है. इसके बाद राज्य सरकार पटवारी से उसका फिजिकल वेरिफिकेशन करवाती है. जिलों में इस काम के लिए पटवारियों को टैबलेट दिए गए हैं. जिससे लोंगिट्यूडऔर लेटिट्यूड डिटेल के साथ वास्तविक समय के आधार पर रिपोर्ट तैयार होती है. इसी के आधार पर तय होता है कि कौन सा किसान कितनी फसल एमएसपी पर बेच पाएगा.
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