
केंद्र सरकार बीजों को लेकर देश में एक सख्त कानून लाने वाली है. इस कानून में उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान होगा जो किसानों को घटिया या नकली बीज बेचते हैं. अभी तक देश में इस तरह के अपराध के लिए कोई कड़ा कानून नहीं है जिसके चलते किसानों को धोखा देने वाले दुकानदार या विक्रेता बच जाते हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि अगले साल बजट सत्र में सरकार बीजों पर कड़ा कानून लाने का विचार कर रही है.
किसान उत्पादक संगठन यानी FPO के एक प्रोग्राम में शिवराज सिंह ने कहा कि हम सीड एक्ट भी जल्दी लाने वाले हैं, जिसमें प्रावधान होगा कि किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज मिलें. शिवराज सिंह ने साफ तौर पर कहा कि नकली और घटिया बीज और पेस्टीसाइड के मामले में सरकार सख्त है, हम कड़ा कानून लाएंगे और हमारे किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.
कृषि मंत्री ने कहा कि देश की 46 फीसद आबादी अभी भी अपनी रोजी-रोटी के लिए खेती-बाड़ी पर आश्रित है और ऐसे लोगों की आजीविका और कमाई सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने ये भी साफ किया कि देश में जीएम बीज (जेनेटिकली मोडिफाइड बीज) की अनुमति नहीं है और फसलों की बेहतर वैरायटी के लगातार रिसर्च चल रही है.
केंद्र सरकार के स्तर पर बीज अधिनियम में संशोधन पर अभी भी काम चल रहा है, लेकिन अभी तक इसे औपचारिक रूप से कानून के तौर पर लागू या नोटिफाई नहीं किया गया है. सरकार बीज की क्वालिटी सुनिश्चित करने और घटिया या नकली बीजों की बिक्री को रोकने के लिए अनिवार्य ट्रेसबिलिटी, सर्टिफिकेशन और क्वालिटी कंट्रोल के प्रावधानों को लागू करने पर ध्यान दे रही है.
इस बीच, हरियाणा और पंजाब सहित कुछ राज्यों ने 2025 में अपने-अपने बीज अधिनियमों में अपने स्तर पर संशोधन किया है, जिसमें उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा के प्रावधान शामिल हैं. कुछ इसी तरह के संशोधन करके केंद्र सरकार नया बीज कानून लाने वाली है जिससे घटिया और नकली बीज बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने देश के किसान हितों से कोई समझौता नहीं करने के दृढ़ संकल्प पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसानों की ओर से आभार माना. साथ ही कहा कि आजीविका के साथ ही देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खेती बहुत जरूरी है. शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों के फायदे के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर हमारा फोकस है. अकेले अनाज से काम नहीं चलेगा, साथ में किसानों की आय बढ़ाने के लिए इससे जुड़े अन्य काम भी करने होंगे.