खेती करने में किसानों के लिए सबसे अहम चीज है खेत की मिट्टी क्योंकि अगर मिट्टी बेहतर न हो तो किसानों की फसलें खराब होने लगती हैं और उत्पादन में कमी आने लगती है. वहीं देश के किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए भारत सरकार द्वारा कई तरह की स्कीम चलाई जाती हैं. इन्हीं स्कीम में से एक सॉइल हेल्थ कार्ड भी है, जो कमजोर और गरीब किसानों के लिए काफी लाभकारी है. इस योजना के तहत किसानों की मिट्टी की जांच की जाती है. वहीं इस योजना को सफल बनाने के लिए मिट्टी का स्वास्थ्य सुधार रहीं 8272 लैब के लिए 229 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने जारी किए हैं.
इसमें से पिछले पांच वर्षों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 83.31 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने बीते मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी.
देश के इन 8272 लैबों में ही खेतों के मिट्टी की जांच की जाती है. फिर उसी के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर किसानों को दी जाती है, जिससे किसान अपने खेत की मिट्टी की क्वालिटी के आधार पर फसल लगाकर अधिक लाभ प्राप्त करते हैं.
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केंद्र सरकार वर्ष 2014-15 से ही कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन की मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता पर राष्ट्रीय परियोजना के तहत मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (सॉइल हेल्थ मैनेजमेंट) और मृदा स्वास्थ्य कार्ड (सॉइल हेल्थ कार्ड) योजना लागू कर रही है. इस योजना से किसानों को उनकी मिट्टी में पोषक तत्वों की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है, साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य और इसकी उत्पादकता में सुधार के लिए पोषक तत्वों की उचित खुराक की जानकारी भी दी जाती है. वहीं देश में अब तक किसानों को 23.58 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं.
सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत मिट्टी के स्वास्थ्य के संबंध में समय-समय पर किसानों को अलग-अलग गतिविधियों के के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं. मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर सिफारिशों के आधार पर, जैविक खाद और जैव उर्वरकों के साथ माध्यमिक और सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग पर सिफारिशों को अपनाने के लिए किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए प्रशिक्षण और प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं. अब तक देश भर में मृदा स्वास्थ्य कार्ड सिफारिशों पर 93781 किसान प्रशिक्षण, 6.45 लाख प्रदर्शन, 7425 किसान मेले या अभियान आयोजित किए जा चुके हैं.
2014-15 से अब तक देश भर में कुल 8272 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं है. इनमें 1068 स्थिर मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं, 163 मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं, 6376 मिनी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं और 665 ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं.