केंद्र सरकार किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं में से किसान क्रेडिट कार्ड भी एक बेहतरीन स्कीम है. इस स्कीम की शुरुआत किसानों को सस्ते दर पर कृषि लोन मुहैया कराने के लिए की गई है. देश में करोड़ों किसानों का क्रेडिट कार्ड बन गया है. इस कार्ड के ऊपर किसान लोन भी ले रहे हैं. खास बात यह है कि अब किसान क्रेडिट कार्ड योजना में पशुपालक और मछआरों को भी शामिल कर लिया गया है. यानी अब पशुपालक और मछुआरे भी व्यवसाय शुरू करने के लिए सस्ते दर पर लोन ले सकते हैं.
दरअसल, केंद्र सरकार का मानना है कि अधिकांश किसान खेती करने के लिए साहुकार ले उधार लेते हैं. लेकिन कर्ज चुकाते- चुकाते किसान की आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है. ऐसे में किसानों को घर का खर्च चलाने के लिए जमीन तक बेचनी पड़ती है. ऐसे में साहुकारों के चंगुल से किसानों को बचाने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की. खास बात यह है कि केंद्र सरकार ने इस योजना को साल 1998 में किसानों के एक्स्ट्रा क्रेडिट देने के लिए बना गया था. अब इसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से भी इसे लिंक कर दिया गया है. पीएम किसान के लाभार्थी भी इसके लिए आवेदन दे सकते हैं.
किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि लोन मिलता है. एक किसान अधिकतम 3 लाख रुपये तक का लोन उठा सकता है. वहीं, पात्र किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के साथ एक सेविंग्स अकाउंट भी दिया जाता है. सबसे बड़ी बात ये है कि किसानों को 1.60 लाख रुपये तक के लोन पर कोई कॉलेटरल नहीं देना पड़ता है. किसान क्रेडिड कार्ड का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए. जबकि, 75 साल से अधिक उम्र वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलता है. किसान लोन के पैसे से समय पर खेती करने के लिए खाद और बीज खरीद सकते हैं. साथ ही पशुपाल और मछली पालन का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं.
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