हरियाणा सरकार देगी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, सरकारी जमीन पर किसान उगा सकेंगे फसल!

हरियाणा सरकार देगी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, सरकारी जमीन पर किसान उगा सकेंगे फसल!

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह योजना कैथल जिले के पुंडरी विधानसभा क्षेत्र स्थित जठेरी गांव में शुरू की जाएगी. यहां कृषि और किसान कल्याण विभाग की 53 एकड़, 4 कनाल और 19 मरला जमीन को प्राकृतिक खेती के तहत लाया जाएगा. यह जमीन ऐतिहासिक तौर पर पट्टेदारों को पट्टे पर दी जाती रही है. अब सिर्फ प्राकृतिक खेती के लिए ही इसका प्रयोग किया जाएगा.

हरियाणा में लॉन्‍च हुआ एक खास प्रोजेक्‍ट (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)हरियाणा में लॉन्‍च हुआ एक खास प्रोजेक्‍ट (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • May 17, 2025,
  • Updated May 17, 2025, 9:52 AM IST

हरियाणा सरकार की तरफ से सतत कृषि की दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदम उठाया गया है. सरकार ने राज्य भर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि और किसान कल्याण विभाग के स्वामित्व वाली कृषि भूमि का प्रयोग करने का फैसला लिया है. प्रदेश सरकार की मानें तो उसकी यह पहल पर्यावरण अनुकूल, कम लागत वाली और केमिकल फ्री कृषि परंपराओं को प्रोत्साहित करने के सरकार के दृष्टिकोण के तहत ही है. इससे न सिर्फ मिट्टी की हेल्‍थ सुधरेगी बल्कि किसानों की आय भी बढ़ेगी. 

53 एकड़ जमीन पर प्रोजेक्‍ट  

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह योजना कैथल जिले के पुंडरी विधानसभा क्षेत्र स्थित जठेरी गांव में शुरू की जाएगी. यहां कृषि और किसान कल्याण विभाग की 53 एकड़, 4 कनाल और 19 मरला जमीन को प्राकृतिक खेती के तहत लाया जाएगा. यह जमीन ऐतिहासिक तौर पर पट्टेदारों को पट्टे पर दी जाती रही है. अब सिर्फ प्राकृतिक खेती के लिए ही इसका प्रयोग किया जाएगा. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को आए ऐतिहासिक फैसले को अपनी मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण की दृष्टि से स्वस्थ और आर्थिक रूप से व्यवहारिक प्रथाओं को बढ़ावा देना चाहती है. इससे किसानों को सशक्त बनाया जा सकेगा और लंबे समय तक कृषि समृद्धि सुनिश्चित किया जा सकेगा.  

सरकार की तरफ से मिलेगी ट्रेनिंग 

इस पहल के तहत मौजूदा पट्टेदार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने वाली इस महत्वपूर्ण योजना के लाभार्थी बनने के योग्‍य होंगे. उन्हें प्राकृतिक खेती के तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ समर्थन भी दिया जाएगा. इसमें प्रदेश सरकार जरूरी गाइडेंस, ट्रेनिंग और मदद मुहैया कराएगी. इस पायलट परियोजना की सफलता के बाद योजना को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा. सरकार की प्‍लानिंग इसे पूरे राज्य में लागू करने की है. सैनी सरकार की मानें तो वह हरियाणा को देशभर में प्राकृतिक खेती समेत कृषि प्रथाओं में एक अग्रणी राज्य बनना चाहती है. 

क्‍या होती है प्राकृतिक खेती 

प्राकृतिक खेती दरअसल एक ऐसी कृषि परंपरा है जिसमें रासायनिक खाद, कीटनाशक, और कृत्रिम सिंचाई की बजाय प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग किया जाता है. खेती की इस परंपरा का मकसद मिट्टी, पानी, और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना टिकाऊ और स्वास्थवर्धक खेती के तरीकों का आगे बढ़ाना होता है. इस तरह की खेती में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का बिल्कुल प्रयोग नहीं किया जाता. उसकी जगह पर जैविक खाद जैसे कि जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत का प्रयोग होता है. साथ ही कई तरह क फसलें एक साथ बोई जाती हैं जिससे कीट प्रकोप और रोग कम होते हैं. 

यह भी पढ़ें- 

MORE NEWS

Read more!