यहां किसानों को नहीं मिली पराली पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि, बजट की कमी से फंसा पैसा

यहां किसानों को नहीं मिली पराली पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि, बजट की कमी से फंसा पैसा

हरियाणा में किसानों को पराली नष्ट करने के बावजूद सरकार से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है, जिससे किसान काफी परेशान है. धान की कटाई के चार महीने बाद भी अभी तक किसानों को ये राशि नहीं मिली है. वहीं, अधिकारियों का मानना है कि जल्द ही किसानों को ये राशि दी जाएगी.

नहीं मिली पराली पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशिनहीं मिली पराली पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 20, 2025,
  • Updated Mar 20, 2025, 12:33 PM IST

हरियाणा में पराली की समस्या बहुत बड़ी है. यहां धान का सीजन खत्म होने के चार महीने बाद भी करनाल जिले के हजारों किसान पराली को नष्ट करने वाली सीआरएम योजना के तहत दिए गए प्रोत्साहनों का इंतजार कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि कृषि और किसान कल्याण विभाग में बजट की कमी के कारण भुगतान में देरी हो रही है. बता दें कि सीआरएम योजना के तहत पराली प्रबंधन के लिए इन-सीटू और एक्स-सीटू तकनीकों का इस्तेमाल करने वाले किसानों को प्रोत्साहन के तौर पर प्रति एकड़ 1,000 रुपये दिए जाते हैं.

इस साल 21,552 किसानों ने इस योजना के तहत 2,34,616.05 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराई थी, लेकिन अधिकारियों, नंबरदारों और पटवारियों की एक समिति द्वारा सत्यापन के बाद केवल 1,90,963 एकड़ जमीन के दावों को ही मंजूरी दी गई है.

सरकार राशि भुगतान में कर रही देरी

इन सीटू प्रबंधन में सीआरएम मशीनों का उपयोग करके पराली को मिट्टी में मिलाना शामिल है, जबकि एक्स सीटू विधियों में जैव ईंधन और चारा उत्पादन के लिए पराली को इकट्ठा करना और उसकी आपूर्ति करना शामिल है. किसानों का आरोप है कि इन तरीकों को अपनाने और पराली जलाने में भारी कमी लाने के बावजूद सरकार ने उनके भुगतान में देरी की है.

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सरकार जल्द जारी करे प्रोत्साहन राशि

किसान जितेंद्र कुमार ने कहा कि इन तरीकों का इस्तेमाल करने वाले किसान न केवल वायु प्रदूषण को कम करने में मदद कर रहे हैं, बल्कि रोजगार भी पैदा कर रहे हैं और मिट्टी की उर्वरता में सुधार कर रहे हैं. सरकार को जल्द से जल्द प्रोत्साहन राशि जारी करनी चाहिए.

बीकेयू (सर छोटू राम) के प्रवक्ता बहादुर सिंह मेहला ने भी इसी तरह की चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि सरकार के आह्वान पर किसानों ने पराली नष्ट करने वाली विधि को अपनाया है, लेकिन कोई प्रोत्साहन राशि नहीं दिया गया है. भुगतान तुरंत जारी किया जाना चाहिए.

पराली वाली मशीनों पर दी गई सब्सिडी

अधिकारियों का दावा है कि पराली खत्म करने वाली मशीनों जैसे कि स्ट्रॉ बेलर, हैप्पी सीडर और सुपर सीडर के लिए पर्याप्त सब्सिडी दी गई है, जिसने पराली जलाने को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस साल सब्सिडी के 10.69 करोड़ रुपये के 837 मामले आए, जिनमें से 720 मामलों के लिए 6 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं.

बजट आते ही दी जाएगी प्रोत्साहन राशि

करनाल के कृषि उपनिदेशक (डीडीए) डॉ. वजीर सिंह ने आश्वासन दिया है कि विभाग ने दावों की पुष्टि कर ली है और धनराशि का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि हमने बजट की मांग भेजी है, जैसे ही हमें बजट मिलेगा, हम प्रोत्साहन राशि वितरित कर देंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ किसानों ने अभी तक अपनी भेजी गई गांठों के बिल जमा नहीं किए हैं, जिससे भी देरी हो रही है. साथ ही उन्होंने किसानों के प्रयासों की सराहना की और बताया कि करनाल में पराली जलाने के मामलों में भारी कमी आई है. 2021 में जहां 997 मामले थे वो अब 2024 में केवल 96 रह गए हैं.

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