फर्टिलाइजर और फूड समेत कई स्कीम्स पर 58 हजार करोड़ खर्च होंगे, एलपीजी, मनरेगा पर भी अतिरिक्त खर्च करेगी सरकार

फर्टिलाइजर और फूड समेत कई स्कीम्स पर 58 हजार करोड़ खर्च होंगे, एलपीजी, मनरेगा पर भी अतिरिक्त खर्च करेगी सरकार

केंद्र सरकार फर्टिलाइजर, फूड स्कीम्स, समेत अन्य योजनाओं की सब्सिडी पर अतिरिक्त 58,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इस कुल रकम का एक तिहाई हिस्सा फर्टिलाइजर और फूड पर सब्सिडी के लिए खर्च होगा.

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रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Dec 07, 2023,
  • Updated Dec 07, 2023, 11:58 AM IST

केंद्र सरकार फर्टिलाइजर, फूड स्कीम्स, समेत अन्य योजनाओं की सब्सिडी पर 58,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इस अतिरिक्त रकम के लिए केंद्र सरकार ने लोकसभा से मंजूरी मांगी है. इस कुल रकम का एक तिहाई हिस्सा फर्टिलाइजर और फूड पर सब्सिडी के लिए खर्च होगा. इसके अलावा सरकार ने रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के लिए अतिरिक्त 14 हजार करोड़ रुपये की मांग की है. 

सरकार ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान की अपनी अनुपूरक मांग का पहला बैच लोकसभा के समक्ष रखा. अनुदान की अनुपूरक मांग मूल रूप से सरकार की अतिरिक्त खर्च जरूरतों को पूरा करने के लिए होती है. यह रकम किसी योजना के लिए वित्तीय बजट में जारी रकम के अतिरिक्त होती है. केंद्र सरकार ने संसद से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए खर्च को 58,000 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक बढ़ाने की अनुमति मांगी है, जिसमें से लगभग एक तिहाई रकम फर्टिलाइजर और फूड पर सब्सिडी के लिए दी जाएगी. 

रोजगार स्कीम्स के लिए अतिरिक्त 43 हजार करोड़ मांगे 

अतिरिक्त खर्च मांग के प्रस्तावों में 58,378.21 करोड़ रुपये का नकद खर्च और 70,968.15 करोड़ रुपये का कुल अतिरिक्त खर्च का फाइनेंस अन्य क्षेत्रों में बचाई गई रकम या जेनरेट सरप्लस रेवेन्यू से पूरा किया जाएगा. सरकार ने सब्सिडी और रोजगार देने वाली योजनाओं के लिए अतिरिक्त 43,155.09 करोड़ रुपये जारी करने की अनुमति मांगी है.

फर्टिलाइजर और फूड सब्सिडी पर खर्च

सरकार ने न्यूट्रिएंट बेस्ड फर्टिलाइजर सब्सिडी स्कीम पर अतिरिक्त 13,350.81 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति मांगी है, जो इसके लिए निर्धारित बजट से 30 फीसदी अधिक होगी. इसी तरह फ्री राशन स्कीम यानी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर अतिरिक्त 5,500 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति मांगी है. कुल मिलाकर फर्टिलाइजर और फूड सब्सिडी के लिए अतिरिक्त खर्च 18,850.81 करोड़ रुपये है. यह सरकार की ओर से किया जाने वाले अतिरिक्त खर्च का 32.3 फीसदी है.

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मनरेगा और एलपीजी सब्सिडी के लिए राशि 

सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के लिए अतिरिक्त 14,524.29 करोड़ रुपये भी मांगे हैं, जिसमें इस साल की शुरुआत में जारी 10,000 करोड़ रुपये भी शामिल है. कुल मिलाकर सरकार को इस साल मनरेगा पर 16,142.86 रुपये अधिक खर्च करने की उम्मीद है. इससे वर्ष के लिए कुल मनरेगा बिल 77,175.51 करोड़ रुपये हो जाएगा, जो पिछले वर्ष खर्च किए गए 89,154.65 रुपये से अभी भी कम है. सरकार ने डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से दी जाने वाली एलपीजी सब्सिडी के लिए अतिरिक्त 1,280 करोड़ रुपये और गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने के लिए 8,499.99 करोड़ रुपये खर्च करने की मांग की है. 
 

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