कृष‍ि मार्केट‍िंग में सुधार करेगी सरकार, बदलेगा ई-नाम...क‍िसानों-उपभोक्ताओं दोनों को होगा फायदा

कृष‍ि मार्केट‍िंग में सुधार करेगी सरकार, बदलेगा ई-नाम...क‍िसानों-उपभोक्ताओं दोनों को होगा फायदा

आने वाले समय में ई-नाम प्लेटफार्म क‍िसानों के ल‍िए और बेहतर बनेगा. राष्ट्रव्यापी इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल ई-नाम 2.0 मौजूदा ई-नाम का एक उन्नत संस्करण होगा. इस प्लेटफार्म से जुड़ेंगी 28 और मंडियां, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी. ब‍िना ब‍िचौल‍ियों के ब‍िकेंगे कृष‍ि उत्पाद.  

वर्कशॉप से पहले एफपीओ के प्रोडक्ट देखते हुए कृष‍ि सच‍िव और ई-नाम की एमडी (Photo-Kisan Tak).    वर्कशॉप से पहले एफपीओ के प्रोडक्ट देखते हुए कृष‍ि सच‍िव और ई-नाम की एमडी (Photo-Kisan Tak).
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Sep 19, 2023,
  • Updated Sep 19, 2023, 9:04 PM IST

केंद्र सरकार कृषि मार्केटिंग को मजबूत बनाकर क‍िसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा द‍िलाने की कोशि‍श में जुट गई है. यह लाभ ट्रेड‍िंग को और सहज बनाने से म‍िलेगा. इसके ल‍िए सरकार राष्ट्रीय कृष‍ि बाजार यानी ई-नाम (e-NAM) से जुड़े मार्केट‍िंग र‍िफॉर्म्स कर रही है. इस प्लेटफार्म पर बड़ा बदलाव होगा. इसी कड़ी में मंगलवार को स्माल फार्मर्स एग्री ब‍िजनेस कंसोर्ट‍ियम (SFAC) की ओर से द‍िल्ली में 'ई-नाम 2.0 एवं कृष‍ि व‍िपणन सुधार' के नाम से एक वर्कशॉप आयोज‍ित कर इससे जुड़े राज्यों की अच्छी पहलों का प्रजेंटेशन देखा गया. ई-नाम का संचालन एसएफएसी ही करता है. इस मौके पर कृष‍ि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव फैज़ अहमद किदवई ने कहा क‍ि ई-नाम 2.0 मौजूदा ई-नाम का एक उन्नत संस्करण होगा, जिसमें राज्य अधिनियमों में सुधार किए जाएंगे. ई-नाम 2.0 की सफलता बहुत महत्वपूर्ण है.

आने वाले समय में ई-नाम प्लेटफार्म क‍िसानों के ल‍िए और बेहतर बनेगा. इस बीच ई-नाम प्लेटफार्म का कारवां बढ़ता जा रहा है. सरकार ने इससे 28 और मंडियों को जोड़ने की मंजूरी दे दी है. जिससे अब मंडियों की कुल संख्या 1389 हो जाएगी. ज‍िन पर किसान अपने नजदीकी बाजार से अपने उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री कर सकते हैं. वो भी ब‍िना ब‍िचौल‍ियों के क‍िसी भूम‍िका के. फ‍िलहाल ई-नाम से 1 करोड़ 76 लाख से अध‍िक क‍िसान जुड़े हुए हैं. 

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क्या है ई-नाम

दरअसल, ई-नाम, एक राष्ट्रव्यापी इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जिसकी शुरुआत, 14 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इसका मकसद 'वन नेशन वन मार्केट' है. यह प्लेटफार्म इसल‍िए पारंपर‍िक मंडियों के ट्रेड से अलग है क्योंक‍ि इसमें ब‍िक्रेता और क्रेता के बीच से कई तरह के ब‍िचौल‍ियों की भूम‍िका खत्म है. ई-नाम ने किसान और खरीदार के बीच से दलाल खत्म कर दिए हैं. इससे जुड़े क‍िसान बिचौलियों और आढ़तियों पर निर्भर नहीं हैं. ऐसे में क‍िसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा हो रहा है. हालांक‍ि, समय के साथ इसमें और सुधार की जरूरत है, इसल‍िए अब इसमें बदलाव की कोश‍िश की जा रही है.

ई-नाम पर 209 चीजों का व्यापार

इस मौके पर केंद्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि 31 अगस्त 2023 तक 23 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर 1361 एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट‍िंग कमेटी (एपीएमसी) यानी मंड‍ियों को ई-नाम पर जोड़ा गया था. अब ई-नाम पर एपीएमसी की कुल संख्या 1389 हो जाएगी, क्योंक‍ि 28 नई मंडियों को इससे जोड़ने की मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा क‍ि उत्पाद की गुणवत्ता से संबंधित जानकारी खरीदार के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी वस्तु की कीमतें विक्रेताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने बताया क‍ि इस प्लेटफार्म पर 209 वस्तुओं का व्यापार किया जा रहा है. ज‍िसका किसान और किसान उत्पादक संगठन फायदा उठा रहे हैं. 

कम करनी होगी बर्बादी

आहूजा ने कहा कि आर्थिक दृष्टिकोण से पूरे वैल्यू चेन को कुशल बनाना होगा और बर्बादी को कम करना होगा. कृषि सचिव ने कार्यशाला आयोजित करने के पीछे के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु के राज्य कृषि विपणन बोर्डों के प्रजेंटेशन और सभी हितधारकों के लाभ के लिए कार्यशाला द्वारा प्रदान किए गए मंच का उपयोग करने की सराहना की. वर्कशॉप का आयोज‍न केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव और एसएफएसी की एमडी मन‍िंदर कौर की लीडरश‍िप में क‍िया गया. 

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