लहसुन की बढ़ती मांग और चढ़ती कीमतों को थामने के लिए यूपी सरकार ने बड़ी पहल की है. प्रदेश में लहसुन की खेती (Garlic Cultivation) के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजना शुरू की गई है.योजना के तहत प्रदेश में उद्यान विभाग द्वारा प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपये की अनुमन्य इकाई लागत तय की गई है. इसमें किसानों को प्रति हेक्टेयर 40 प्रतिशत (अधिकतम 12 हजार रुपये) अनुदान दिया जाएगा. यह अनुदान प्रति किसान न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर से अधिकतम 4.0 हेक्टेयर तक की भूमि पर उपलब्ध होगा. लहसुन का बीज राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, नई दिल्ली द्वारा किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा. बीज की कीमत 370 से 390 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच रखी गई है. भारत सरकार के सहयोग से संचालित होने वाली इस योजना के तहत पूरे प्रदेश में 10 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में लहसुन की खेती की जाएगी.
उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश में लहसुन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने मसला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत विशेष योजना बनाई है. योजना के तहत प्रदेश में प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपये की इकाई लागत तय की गई है. वहीं किसानों को सस्ते दाम में बीज देने की तैयारी हैं, बीज की कीमत 370 से 390 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच रखी गई है.
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किसान इस योजना का लाभ प्रथम आवक-प्रथम पावक के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं. इच्छुक किसानों को अपने जनपद के जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में संपर्क करना होगा. इसके साथ ही, किसान योजना में पंजीकरण करने के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://dbt.uphorticulture.in पर भी ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं.
लहसुन की बढ़ती मांग और उसकी गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने मसाला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत 10 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में लहसुन की खेती का लक्ष्य रखा है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के प्रस्ताव को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, उद्यान अनुभाग, भारत सरकार को भेजा था, जिस पर केंद्र सरकार ने अनुमति प्रदान की है.