Jammu Kashmir के किसान सोलर एनर्जी पर उठा सकते हैं 80 फीसदी सब्सिडी का फायदा, जानें कैसे  

Jammu Kashmir के किसान सोलर एनर्जी पर उठा सकते हैं 80 फीसदी सब्सिडी का फायदा, जानें कैसे  

साल 2023 में केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया था कि 499 किसान सोलर एनर्जी सिस्‍टम पर मिलने वाली सब्सिडी का फायदा उठा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में अधिकतर किसान सिंचाई के लिए डीजल या ग्रिड बिजली पर निर्भर हैं. इससे न केवल खर्च बढ़ता है बल्कि पर्यावरण पर भी असर पड़ता है.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 14, 2025,
  • Updated Nov 14, 2025, 6:30 AM IST

सौर ऊर्जा यानी सोलर एनर्जी अब सिर्फ एक पर्यावरणीय विकल्प ही नहीं बल्कि किसानों के लिए आत्मनिर्भरता का बड़ा साधन बन गई है. कृषि क्षेत्र में भी अब इसका प्रयोग जमकर हो रहा है. देश के दूसरे ह‍िस्‍सों की तरह ही अब जम्मू-कश्मीर के किसान भी इस दिशा में आत्‍मनिर्भर हो सकते हैं. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर किसानों को सोलर पंप और सोलर एनर्जी सिस्टम लगाने पर 80 फीसदी तक की सब्सिडी मुहैया कराते हैं. ऐसे में यह योजना न सिर्फ किसानों की बिजली की समस्या दूर करती है बल्कि उनके खर्च में भी बड़ी कमी लाती है. 

खेती में सौर ऊर्जा की भूमिका

साल 2023 में केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया था कि 499 किसान सोलर एनर्जी सिस्‍टम पर मिलने वाली सब्सिडी का फायदा उठा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में अधिकतर किसान सिंचाई के लिए डीजल या ग्रिड बिजली पर निर्भर हैं. इससे न केवल खर्च बढ़ता है बल्कि पर्यावरण पर भी असर पड़ता है. सोलर पंप किसानों को इन दोनों समस्याओं से राहत देने का एक टिकाऊ विकल्प हैं. सौर ऊर्जा के जरिए चलने वाले पंप बिना बिजली बिल के खेतों की सिंचाई करने में सक्षम हैं. इससे किसान सालाना हजारों रुपये की बचत कर सकते हैं.

प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा योजना (PM-KUSUM)

केंद्र सरकार की PM-KUSUM योजना के तहत जम्मू-कश्मीर के किसानों को सोलर एनर्जी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस योजना में किसानों को 3 हेक्टेयर तक की जमीन पर सोलर पंप सेट लगाने की अनुमति दी गई है. केंद्र सरकार कुल लागत का 30 फीसदी हिस्सा अदा करती है जबकि राज्य सरकार की तरफ से 50 फीसदी सब्सिडी किसानों को मिलती है. किसान को सिर्फ 20 फीसदी रकम अदा करनी होती है. इस तरह, किसान बेहद कम लागत में सोलर पंप लगाकर अपनी सिंचाई जरूरतों को पूरा कर सकते हैं.

जम्मू-कश्मीर एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (JAKEDA) की पहल

राज्य की JAKEDA (Jammu & Kashmir Energy Development Agency) ने किसानों के लिए आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाया है. किसान विभाग की वेबसाइट या नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के बाद तकनीकी निरीक्षण और पात्रता जांच की प्रक्रिया पूरी की जाती है. जम्मू-कश्मीर के कई जिलों—जैसे कि कठुआ, सांबा, उधमपुर, और अनंतनाग—में पहले से सैकड़ों किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोलर पंप लगाने के बाद किसानों के बिजली बिल में 70 से 80 फीसदी तक की कमी आई है.

कैसे करें आवेदन

  • किसान को JAKEDA या कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा.
  • जरूरी दस्तावेज जैसे—आधार कार्ड, भूमि स्वामित्व प्रमाण, बैंक पासबुक और फोटो अपलोड करनी होती है.
  • आवेदन मंजूर होने के बाद विभाग पंप इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया शुरू करता है.
  • सोलर पंप इंस्टॉल होते ही किसान को सब्सिडी की राशि सीधे उनके बैंक खाते में दी जाती है.

हैं और भी कई फायदे 

सौर ऊर्जा से खेती करने वाले किसान न केवल बिजली और डीजल पर निर्भरता कम कर रहे हैं, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी कमी ला रहे हैं. यह खेती को पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ बना रहा है. इसके अलावा, सौर ऊर्जा आधारित पंपों का रखरखाव भी सस्ता और सरल होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जम्मू-कश्मीर में सोलर पंपों का उपयोग व्यापक स्तर पर होता है, तो यह राज्य को ग्रीन एनर्जी स्टेट बनने की दिशा में ले जाएगा. सरकार का लक्ष्य अगले दो वर्षों में 10 हजार से अधिक सोलर पंप लगाने का है. इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिलेगी.

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