किसानों के लिए खाद, आतंकियों के लिए हथियार! कैसे Amonium Nitrate बन जाता है मौत का सामान

किसानों के लिए खाद, आतंकियों के लिए हथियार! कैसे Amonium Nitrate बन जाता है मौत का सामान

अमोनियम नाइट्रेट एक ऐसी दोधारी तलवार है जो एक ओर तो किसानों की फसलें लहलहा देता है, तो दूसरी ओर आतंकवादियों के हाथ में पड़कर विनाश का हथियार बन जाता है. अमोनियम नाइट्रेट एक सफेद क्रिस्टलीय केमिकल कंपाउंड है जिसका उपयोग मुख्य तौर पर खाद के रूप में किया जाता है. यह मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाता है जिससे फसलों की वृद्धि तेज होती है.

Advertisement
किसानों के लिए खाद, आतंकियों के लिए हथियार!  कैसे Amonium Nitrate बन जाता है मौत का सामानदिल्‍ली से बरामद किया गया था हजारों किलो अमोनियम नाइट्रेट

गेहूं, मक्‍का और धान जैसी फसलों की खेती में काम आने वाला अमोनियम नाइट्रेट सोमवार को दिल्‍ली में लाल किला के करीब हुए कार ब्‍लास्‍ट में विनाश का सामान बन गया. राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को नूंह जिले के पिनांगवान से एक उर्वरक और बीज की दुकान के मालिक को अमोनियम नाइट्रेट की सप्‍लाई करने के आरोप में हिरासत में लिया. सोमवार को ही सुबह जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस और दिल्‍ली पुलिस ने एक ज्‍वॉइन्‍ट ऑपरेशन में फरीदाबाद से 2900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया था. खेती में इस्तेमाल होने वाला अमोनियम नाइट्रेट एक ऐसा रासायनिक पदार्थ है जो फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए उर्वरक के तौर पर काम करता है. लेकिन जब यही डॉक्‍टर उमर नबी और मुजम्मिल जैसे लोगों के हाथों में पड़ जाता है तो हजारों लोगों की जान ले सकता है. हाल के कुछ वर्षों में इसके खतरनाक प्रयोग के कई उदाहरण सामने आए हैं जिससे सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार सतर्क हैं. आइए जानते हैं कि अमोनियम नाइट्रेट क्या है, इसका इस्तेमाल कैसे होता है और इसके दुरुपयोग को लिए क्‍या कोई खास नियम बने हैं. 

क्या है अमोनियम नाइट्रेट?

अमोनियम नाइट्रेट एक ऐसी दोधारी तलवार है जो एक ओर तो किसानों की फसलें लहलहा देता है, तो दूसरी ओर आतंकवादियों के हाथ में पड़कर विनाश का हथियार बन जाता है. अमोनियम नाइट्रेट एक सफेद क्रिस्टलीय केमिकल कंपाउंड है जिसका उपयोग मुख्य तौर पर खाद के रूप में किया जाता है. यह मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाता है जिससे फसलों की वृद्धि तेज होती है. किसान इसे गेहूं, मक्का, धान, सब्जियों और तिलहन फसलों में इस्तेमाल करते हैं. यह नाइट्रोजन बेस्‍ड उर्वरक का सबसे प्रभावी रूप माना जाता है. लेकिन यही अमोनियम नाइट्रेट हाई टेम्‍प्रेचर या दबाव में फटने की क्षमता रखता है. यही वजह है कि दुनिया के कई हिस्सों में यह बड़े विस्फोटों की वजह बन चुका है. 

कृषि में उपयोग और फायदे

  • कृषि में अमोनियम नाइट्रेट का नियंत्रित और सुरक्षित उपयोग बेहद लाभदायक होता है. 
  • यह पौधों को आवश्यक नाइट्रोजन प्रदान करता है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है.  
  • फसल की पैदावार में 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करता है. 
  • यह जल्दी घुलने वाला उर्वरक है, जो सिंचाई के साथ आसानी से फसलों तक पहुंचता है. 
  • इसका सबसे ज्‍यादा प्रयोग यूरिया के साथ मिलाकर या सॉल्यूशन फर्टिलाइजर के रूप में किया जाता है. 

कैसे बन जाता है ‘मौत का सामान’?

अमोनियम नाइट्रेट अपने आप में विस्फोटक नहीं होता लेकिन अगर इसे किसी ज्वलनशील पदार्थ या फ्यूल जैसे डीजल, पेट्रोल या ऑयल के साथ मिलाया जाए तो यह बेहद खतरनाक हो जाता है. यही वह फॉर्मूला है जिसका प्रयोग आतंकी आईईडी  यानी Improvised Explosive Device बनाने में करते हैं. साल 2020 लेबनान की राजधानी बेरुत में हुए ब्‍लास्‍ट में भी इसका प्रयोग हुआ था. उस ब्‍लास्‍ट में करीब 250 लोगों की मौत हो गई थी.

भारत में क्‍या हैं नियम 

  • भारत सरकार ने अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री, स्‍टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन के लिए कड़े नियम बनाए हैं. 
  • अमोनियम नाइट्रेट रूल्स, 2012 के तहत इसकी खरीद-बिक्री केवल लाइसेंसधारी डीलर ही कर सकते हैं. 
  • किसी भी व्यक्ति को बिना लाइसेंस 5 किलोग्राम से अधिक मात्रा में यह रसायन रखने की अनुमति नहीं है. 
  • इसकी पैकिंग और ट्रांसपोर्टेशन के दौरान सुरक्षा लेबल और वॉर्निंग साइन जरूरी हैं. 
  • बिना अनुमति के स्‍टोरेज या ट्रांसपोर्टेशन पर जेल और जुर्माने दोनों की सजा हो सकती है. 
  • कृषि उपयोग के लिए जो कंपनियां इसे बनाती हैं, उन्हें भी सरकार से विशेष लाइसेंस लेना पड़ता है. 

सुरक्षा के उपाय

  • अमोनियम नाइट्रेट को धूप, आग और नमी से दूर रखना चाहिए. 
  • इसे बाकी ज्वलनशील पदार्थों के साथ कभी भी स्टोर नहीं किया जाना चाहिए. 
  • किसानों को इसे केवल प्रमाणित डीलरों से ही खरीदना चाहिए. 
  • अगर किसी जगह पर यह बड़ी मात्रा में है या अवैध तरीके से रखा गया है तो तुरंत पुलिस या जिला प्रशासन को इसकी जानकारी दें. 

यह भी पढ़ें- 

POST A COMMENT