प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत खरीफ की फसलों का इंश्योरेंस कराए जाने की तारीख बढ़ा दी गई है. अब किसान 25 अगस्त तक फसलों का बीमा करा सकेंगे. पहले किसानों को चार अगस्त से 10 अगस्त तक का समय दिया गया था जब वह अपनी फसलों का बीमा करा सकते थे. पोर्टल अब किसानों के लिए खुला है. फसल बीमा योजना का मकसद प्राकृतिक आपदा या अचानक हुई घटना की वजह से किसानों को हुए नुकसान में आर्थिक सहायता मुहैया कराना है. हालांकि फसल बीमा की आखिरी तारीख हरियाणा राज्य में किसानों के लिए बढ़ाई गई हैं.
किसानों को समय सीमा बढ़ाए जाने के बारे में जागरूक करने के लिए कुछ जगहों पर मोबाइल वैन चलाई जा रही हैं. इन वैन को कृषि और कल्याण विभाग की तरफ से ऑपरेट किया जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक फसल बीमा को सरकार की तरफ से इसलिए लागू किया गया है ताकि वह बिना किसी खतरे के अपनी खेती का काम कर सकें. मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल उन तमाम किसानों के लिए खुल गया है जो अपनी फसलों को सुरक्षित करना चाहते हैं.
यह भी पढ़ें-विधानसभा चुनाव से पहले 'किसान हितैषी' बताने का खेल शुरू, हरियाणा के सीएम ने एमएसपी पर पूछे सवाल
कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो इस बारे में और दूसरी योजना के बारे में किसानों को बताएं. किसानों को क्रॉफ रिजीड्यू के बारे में भी बताने के निर्देश कृषि विभाग की तरफ से दिए गए हैं. हरियाणा के मुनडालना ब्लॉक मैनेजर डज्ञॅक्टर अमित कुमार ने कहा है कि कम बारिश की वजह से सरकार की तरफ से किसानों को दो हजार रुपये प्रति एकड़ देने का ऐलान किया है. लेकिन किसानों को इसका फायदा उठाने के लिए खुद को रजिस्टर कराना जरूरी है.
यह भी पढ़ें-बांग्लादेश में उथल-पुथल से कर्नाटक के किसानों का बड़ा नुकसान, टमाटर की कीमतें हुई धड़ाम
वहीं राज्य सरकार की तरफ से चलाई जा रही , 'मेरा पानी मेरी विरासत' स्कीम में सरकार किसानों को सात हजार रुपये प्रति एकड़ देने का फैसला किया है. अगर किसर किससान को धान की जगह कोई और फसल उगाना चाहते हैं तो फिर उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. अगर किसान का खेत खाली है तो फिर उसे इसके बारे में ही पोर्टल पर जानकारी देनी होगी.