खेती-किसानी में बढ़ा ड्रोन का इस्तेमाल, PM मोदी ने की संसद में तारीफ

खेती-किसानी में बढ़ा ड्रोन का इस्तेमाल, PM मोदी ने की संसद में तारीफ

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज किसान खेती में ड्रोन का उपयोग कर रहा है. खेती में ड्रोन का कैसे और अधिक उपयोग किया जा सकता है, इसके बारे में देश के किसान सीख रहे हैं. इसके लिए सरकार ने जियो स्पेसियल सेक्टर में ड्रोन के लिए दरवाजे खोल दिए हैं.

राज्यसभा में अपना वक्तव्य देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीराज्यसभा में अपना वक्तव्य देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 09, 2023,
  • Updated Feb 09, 2023, 6:03 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपना धन्यवाद जारी किया. इस दौरान सदन में चली बहस में उन्होंने अपनी बात रखी. सदन में प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. साथ ही, सरकार के कई काम भी गिनाए. इस दौरान उन्होंने साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग की जमकर तारीफ की और कहा कि देश के युवा आज प्राइवेट सैलेटलाइट छोड़ने में भी सक्षम हुए हैं. स्टार्टअप की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी का ही कमाल है कि आज देश दुनिया में स्टार्टअप के यूनीकॉर्न के मामले में तीसरे स्थान पर है. प्रधानमंत्री ने ड्रोन का जिक्र करते हुए कहा कि इससे कई काम आसान हुए हैं. ड्रोन का इस्तेमाल कई क्षेत्रों में हो रहा है जो कि साइंस और टेक्नोलॉजी का ही परिणाम है. खेती में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज किसान खेती में ड्रोन का उपयोग कर रहा है. खेती में ड्रोन का कैसे और अधिक उपयोग किया जा सकता है, इसके बारे में देश के किसान सीख रहे हैं. इसके लिए सरकार ने जियो स्पेसियल सेक्टर में ड्रोन के लिए दरवाजे खोल दिए हैं. ड्रोन की मदद से आज देश में स्वामित्व योजना चलाई जा रही है जिससे गांव के लोगों को उनकी घर और जमीन का मालिकाना हक दिलाया जा रहा है. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश को इस बात के लिए गर्व है कि दुनिया भर में सबसे अधिक पेटेंट भारत से हो रहे हैं. इसमें देश के युवाओं का सबसे बड़ा योगदान है. आधार के बारे में जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आधार की ताकत क्या होती है, वह मौजूदा सरकार ने दिखा दिया है. आधार की टेक्नोलॉजी के महत्व को 2014 के बाद समझा गया और आज इसका सबसे अधिक फायदा लिया जा रहा है. तब की मेहनत अब रंग ला रही है. कोविड के काल में देश के लोगों को 200 करोड़ वैक्सीनेशन और सर्टिफिकेट इसी साइंस और टेक्नोलॉजी का कमाल है.

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प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे देश में पहले परियाजनाएं अटकाना, लटकाना, भटकाना कार्य पद्धति का हिस्सा बन गया था. अब पीएम गतिशक्ति से 1600 लेयर में डेटा के माध्यम से इंफ्रास्ट्रक्चर को परियोजनाओं को गति देने का काम हो रहा है. पहले परियोजनाओं में महीनों लग जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. विकास की गति क्या है, नीयत क्या है, दिशा क्या है, प्रयास क्या, परिणाम क्या है, ये बहुत मायने रखता है. सिर्फ आप कहते रहें कि हम भी कुछ करते थे, इनते से बात नहीं बनती.

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम मक्खन पर लकीर नहीं, पत्थर पर लकीर करने वाले लोग हैं. हमने हर गांव में बिजली पहुंचाने का कार्य उठाया, उनका विकास तो हुआ, सबसे बड़ी बात हुई कि उनको सरकार पर विश्वास बढ़ा और विश्वास बहुत बड़ी ताकत होती है. देश के नागरिकों का विश्वास बढ़ता है तो लाखों करोड़ों गुना एक सामर्थ्य में परिवर्तित हो जाता है. लोगों तक शत प्रतिशत लाभ कैसे पहुंचे, शत प्रतिशत लाभार्थियों को लाभ कैसे पहुंचे, बिना रोकटोक के पहुंचे, अगर सच्चा पंथनिरपेक्ष है तो यही है. सच्चा सेक्युलरिज्म है तो यही है.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. पहली बार आदिवासियों के कल्याण के लिए मंत्रालय बना और अलग बजट बना. दशकों तक हमारे आदिवासी भाई-बहन विकास से वंचित रहे. अगर कांग्रेस ने आदिवासियों के कल्याण के प्रति समर्पण भाव से काम किया होता तो आज हमें इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती. जब अटल जी के नेतृत्व में सरकार बनी, तो पहली बार आदिवासी कल्याण के लिए मंत्रालय बनाया गया.

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