Mission Shakti in UP: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास से नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को समर्पित मिशन शक्ति के चौथे चरण का आगाज महिला सशक्तिकरण रैली को रवाना कर किया, जो राजधानी के विभिन्न पड़ाव से होते हुए 1090 चौराहे पर समाप्त हुई. रैली के जरिये केंद्र और राज्य सरकार की ओर से महिलाओं-बेटियों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं से रूबरू कराया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि खुद में इच्छा शक्ति, सरकार और प्रशासन का समर्थन हो तो महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं.
प्रदेश में वर्ष 2020 में महिला संबंधी अपराधों को नियंत्रित करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया गया, जिसकी थीम थी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन. तीन मुद्दों को लेकर शुरू हुआ कार्यक्रम आज मिशन शक्ति के नाम से जाना जाता है. इस कार्यक्रम ने प्रदेश में लोकप्रियता हासिल करने के साथ पूरे देश में महिला संबंधी अपराध को नियंत्रित करने और अपराधियों को सजा दिलाने वाले राज्यों में अग्रणी राज्य बन गया. मिशन शक्ति की सफलता का ही परिणाम है कि भारत सरकार ने भी महिला सुरक्षा के लिए चलाए जाने वाले अभियान का नाम मिशन शक्ति रखा है, जो यह दर्शाता है कि जब कोई भी इनिशिएटिव समाज में व्यापक जागरूकता का बड़ा माध्यम बनता है तो उसे राष्ट्रव्यापी बनने में देर नहीं लगती है.
मिशन शक्ति के इस चौथे चरण का भी यह उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न तरह के कार्यक्रम चलाती है, लेकिन जिनके लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है उन्हे इसकी जानकारी ही नहीं हो पाती. इसकी वजह से वह इसका लाभ नहीं उठा पाते. ऐसे में प्रदेश के सभी 75 जिलोंं के लिए जागरुकता रैली का शुभारंभ किया गया है. इसके बाद प्रदेश के हर जनपद के स्कूल, कॉलेज में प्रभात रैलियां निकाल जाएंगी. इसके अलावा उन जनपदों में महिला सुरक्षा, सम्मान, स्वावलंबन को लेकर अच्छा काम करने वालों को सम्मानित किया जाएगा.
वहीं 15 अक्टूबर से हर शहर, गांव और नगर निकायों के वार्ड में केंद्र और राज्य सरकार की महिला संबंधी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा. इस दौरान सरकार की ओर से महिलाओं और बेटियों की रक्षा से संबंधित उठाए गए विभिन्न मुद्दों से उन्हें अवगत कराया जाएगा.
पहले प्रदेश में लोग महिलाओं के बारे में बाेलते थे कि वह बहुत पढ़ी-लिखी नहीं है तो वह क्या काम कर पाएंगी, लेकिन हमारी सरकार ने इस धारण को बदला. आज बीसी सखी, बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंस सखी बन कर वह गांव में बैंक की कमी को पूरा कर रही हैं. इतना ही नहीं वह गांवों के लोगों की विपत्ति के समय में मदद भी कर रहीं हैं. इन महिलाओं को सरकार की तरफ से छह माह का प्रशिक्षण दिया गया.
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इस दौरान सरकार ने मानदेय भी दिया. इनमें सबसे कम 25 हजार रुपये और सबसे अधिक सवा से डेढ़ लाख तक महिलाएं कमा रहीं हैं. इस प्रयास को और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. इससे पहले वर्ष 2019 में तीसरी और पांचवीं पास महज पांच से सात महिलाओं का सपोर्ट करते हुए सरकार ने बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर की स्थापना की. पिछले 3 वर्षों में इनका कारोबार प्रति वर्ष डेढ़ सौ करोड़ के टर्नओवर तक पहुंच गया है और लगभग 15 से 16 करोड़ का नेट प्रॉफिट होता है. उन्होंने 40,000 महिलाओं को अपने साथ जोड़ लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे बड़ा आबादी वाला राज्य है. ऐसे में आधी आबादी के लिए विशेष प्रयास होने चाहिए. मिशन शक्ति के चौथे चरण के तहत रैली का शुभारंभ इसे ही दर्शाता है.
नगर विकास विभाग के अंतर्गत महिलाओं के कौशल को निखारने व स्वावलम्बन के लिए उनको सिलाई उत्पाद बनाना, हस्तकला, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, पोल्ट्री, मछली पालन, पाककला आदि की जानकारी देकर प्रशिक्षण दिया जाएगा. विधवा, अबला, परित्यक्ता व निराश्रित महिलाओं की पहचान करके समाजसेवियों की मदद से रोजगार दिलवाने का प्रयास होगा.
महिला चिकित्सा शिविर का आयोजन और आयुष्मान योजना की जानकारी देना भी अभियान में शामिल होगा. निकाय कार्यालय के विभिन्न संवर्गों जैसे राजस्व अभियंत्रण, अधिष्ठान, तकनीकी, सफाई, चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों आदि में से 09 कार्यरत महिलाओं को "नवशक्ति सम्मान" से सम्मानित किया जाएगा.
पंचायती राज विभाग के अंतर्गत 58,189 ग्राम पंचायतों, 826 क्षेत्र पंचायतों एवं 75 जिला पंचायतों में महिला मुद्दों एवं सुरक्षा को केन्द्रित करते हुए बैठकों का आयोजन किया जाएगा. बालिका जन्म का अनुश्रवण निगरानी समिति के माध्यम से कराते हुए सीआरएस पोर्टल पर शत-प्रतिशत बालिका जन्म पंजीकरण कराना कर सुनिश्चित किया जाएगा.