Bihar: हरी मटर के बीज पर मिलेगी 85 रुपये की सब्सिडी, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए शुरू हुई योजना

Bihar: हरी मटर के बीज पर मिलेगी 85 रुपये की सब्सिडी, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए शुरू हुई योजना

बिहार सरकार राज्य में हरी मटर की खेती को बढ़ावा दे रही है. हरी मटर की खेती से किसानों की आय बढ़ाने की योजना बनाई गई है. इस योजना के तहत किसानों के लिए हरी मटर बीज की दर प्रति किलो 170 रुपये तय की गई है. इसमें 50 प्रतिशत यानी 85 रुपये किसानों को सब्सिडी दी जाएगी. 

हरे मटर के बीज पर सब्सिडीहरे मटर के बीज पर सब्सिडी
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Nov 06, 2024,
  • Updated Nov 06, 2024, 2:13 PM IST

दलहनी सब्जियों में मटर का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है. मटर की खेती से जहां एक ओर कम समय में अधिक पैदावार मिलती है तो वहीं ये भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में भी सहायक होती है. इसी बीच बिहार ने फैसला किया है हरी मटर की खेती के लिए राज्य के 15 जिलों के किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा. दरअसल, सितंबर में आई बाढ़ के कारण फसल नुकसान वाले जिलों के लिए मटर प्रोत्साहन कार्यक्रम तय किया गया है. बता दें कि राज्य में रबी सीजन में हरी मटर के उत्पादन की योजना पहली बार लागू की जा रही है.

इन जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ

यह योजना खगड़िया, बेगूसराय, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, सारण, सीवान, गोपालगंज, भागलपुर और सहरसा में लागू किया जाएगा. इस योजना को सफल बनाने के लिए इन जिलों के किसानों को कृषि विभाग हरी मटर के बीज पर 50 फीसदी की सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाएगी. इस योजना के तहत किसानों के लिए मटर बीज की कीमत प्रति किलो 170 रुपये तय की गई है. इसमें 50 प्रतिशत यानी 85 रुपये किसानों को सब्सिडी दी जाएगी. 

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13 करोड़ रुपये की राशि है तय

हरा मटर प्रोत्साहन योजना के लिए 13 करोड़ 60 लाख रुपये की राशि तय की गई है. इसमें केंद्र सरकार की ओर से 4 करोड़ 80 लाख रुपये दिए जाएंगे. वहीं, राज्य सरकार इसके लिए 3 करोड़ 20 लाख रुपये खर्च करेगी. इसके साथ ही राज्य योजना से टॉप अप के रूप में 5 करोड़ 60 लाख रुपये का व्यवस्था की गई है. 

किन जिलों को कितना मिला है लक्ष्य

खगड़िया, बेगूसराय, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल, मधेपुरा और पूर्णिया में 1200-1200 हेक्टेयर में हरी मटर की खेती का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, किशनगंज, अररिया, कटिहार, सारण, सीवान, गोपालगंज, भागलपुर और सहरसा में 1000-1000 हेक्टेयर में हरी मटर की खेती का लक्ष्य तय किया गया है.

इस विधि से कर सकते हैं मटर की खेती

बता दें कि किसान अगर मटर की खेती प्लानिंग से करें तो इससे बंपर मुनाफा कमाया जा सकता है. वहीं, मटर की खेती किसी भी तरह की मिट्टी में आसानी से की जा सकती है. हालांकि, गहरी दोमट मिट्टी इसके लिए परफेक्ट मानी जाती है. मटर की खेती के लिए भूमि का पीएच मान 6 से 7.5 के मध्य होना चाहिए. वहीं, मटर की रोपाई बीजों के माध्यम से की जाती है. इसके लिए ड्रिल विधि का इस्तेमाल सबसे उपयुक्त है. पंक्तियों में बीजों को 5 से 7 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाया जाता है. ध्यान रखें कि इस फसल को समय-समय पर सिंचाई और खाद मिलती रहे.

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