बिहार सरकार ने दक्षिणी बिहार के पठारी इलाकों में रहने वाले अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के किसानों के लिए एक नई योजना शुरू की है. इस योजना के तहत मत्स्य पालन (मछली पालन) को बढ़ावा देने के लिए तालाब निर्माण में आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह योजना खासतौर पर उन किसानों के लिए है जो बांका, औरंगाबाद, गया, कैमूर, नवादा, जमुई, मुंगेर और रोहतास जिलों में रहते हैं.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य एससी/एसटी किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है. तालाब निर्माण से मत्स्य पालन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे.
योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
लाभार्थियों का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता वाली चयन समिति द्वारा किया जाएगा. यह समिति तय करेगी कि किन किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा.
यह योजना बिहार सरकार की एक सराहनीय पहल है जो एससी/एसटी समुदाय के किसानों को आत्मनिर्भर बनने और मत्स्य पालन जैसे लाभकारी व्यवसाय से जुड़ने का मौका देती है. यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी.
बिहार सरकार की तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन योजना, विशेष रूप से पठारी क्षेत्रों के एससी/एसटी किसानों के लिए एक बड़ा अवसर है. यदि आप पात्र हैं तो समय रहते आवेदन जरूर करें और इस योजना का लाभ उठाएं.