खेती किसानी के लिए पानी सबसे महत्वपूर्ण चीज है. बिना पानी के खेती करना कल्पना से इतर है. वहीं, अगर बात हो बिहार में खेती की तो वह एक ऐसा प्रदेश है जिसका एक हिस्सा बारिश के दौरान बाढ़ की चपेट में आ जाता है, तो वहीं दूसरे हिस्से में गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत हमेशा बनी रहती है. इससे हजारों हेक्टेयर में लगी फसलों को नुकसान होता है. साथ ही पानी की कमी से किसानों को फसलों की सिंचाई करने में काफी परेशानी होती है. लेकिन अब किसानों को सिंचाई को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. दरअसल, बिहार सरकार किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप सिंचाई तकनीक और मिनी स्प्रिंकलर तकनीक पर बंपर सब्सिडी दे रही है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे दी गई डिटेल को पढ़ें.
बिहार सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप सिंचाई तकनीक और मिनी स्प्रिंकलर तकनीक से पानी की बचत और फसलों की सुचारू ढंग से सिंचाई के लिए किसानों को बंपर सब्सिडी दे रही है. राज्य सरकार हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए ड्रिप सिंचाई पद्धति और मिनी स्प्रिंकलर लगाने पर किसान को लागत राशि का 80 फीसदी तक सब्सिडी दे रही है.
ड्रिप सिंचाई एक उन्नत सिंचाई तकनीक है जो पौधों की जड़ों तक बूंद-बूंद पानी पहुंचाती है. यह पानी और पोषक तत्वों को बचाने में मदद करती है और वाष्पीकरण को कम करती है. ड्रिप सिंचाई में पानी को सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है, जिससे पानी की बर्बादी कम होती है. साथ ही इसके माध्यम से खाद को भी सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जा सकता है, जिससे उर्वरक की बर्बादी कम होती है. ड्रिप सिंचाई में पानी की देखरेख भी कम करनी पड़ती है, जिससे खेती में लागत कम आती है.
मिनी स्प्रिंकलर तकनीक एक प्रकार की सिंचाई प्रणाली है जो छोटे स्प्रिंकलर के माध्यम से पानी को पौधों तक पहुंचाती है. यह तकनीक पानी की बचत और पौधों के लिए समान रूप से पानी पहुंचाने के लिए डिज़ाइन की गई है. मिनी स्प्रिंकलर का उपयोग मुख्य रूप से सब्जियों और बागवानी फसलों की सिंचाई के लिए किया जाता है. साथ ही इस तकनीक से पानी की उचित मात्रा मिलने से फसलें अच्छी तरह से विकसित होती हैं और उनकी क्वालिटी भी बेहतर होती है.