फिर से शुरू हो सकती है ‘भारत’ ब्रांड चावल, आटा और दालों की बिक्री, इस बार इतनी होगी कीमत

फिर से शुरू हो सकती है ‘भारत’ ब्रांड चावल, आटा और दालों की बिक्री, इस बार इतनी होगी कीमत

सरकार ने पहले ही साप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए चावल बेचना शुरू कर दिया है, जिससे इस वित्तीय वर्ष में अब तक एक लाख टन से अधिक की खरीद हुई है. इस बीच, उपभोक्ता सहकारी संस्था एनसीसीएफ सोमवार को ई-नीलामी आयोजित करेगी.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 06, 2024,
  • Updated Oct 06, 2024, 6:47 PM IST

केंद्र सरकार जल्द ही ‘भारत’ ब्रांड के आटे, चावल और दालों की बिक्री फिर से शुरू कर सकती है, क्योंकि गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली मूल्य निर्धारण समिति द्वारा एक सप्ताह में अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर निर्णय लिए जाने की उम्मीद है. हालांकि, पता चला है कि दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव है. इस बार आटा के 10 किलो का बैग 275 रुपये से 300 रुपये और चावल के 10 किलो का बैग 295 रुपये से 320 रुपये के बीच आ सकता है. वहीं, चना दाल 60 रुपये से 70 रुपये किलो बेचे जाने की बात कही जा रही है.

सूत्रों ने बताया कि भारत दाल (मूंग) को 107 रुपये प्रति किलो और भारत दाल (मसूर) को 89 रुपये प्रति किलो की एमआरपी के साथ बेचे जाने की संभावना है. फरवरी में, सरकार ने भारत चावल को 5 किलो और 10 किलो के पैक में 29 रुपये प्रति किलो की दर से बेचना शुरू किया था. नवंबर 2023 में भारत आटे की बिक्री 275 रुपये प्रति 10 किलो बैग पर शुरू हुई थी. लेकिन जून में चावल और आटे की बिक्री बंद कर दी गई. सूत्रों ने कहा कि सरकार सब्सिडी पर ज्यादा खर्च किए बिना आधिकारिक स्टॉक से जितना संभव हो सके उतना चावल वितरित करना चाहती है. चूंकि केंद्रीय पूल में स्टॉक काफी अधिक है और 2024-25 विपणन वर्ष (सितंबर) के लिए नई खरीद पहले ही शुरू हो चुकी है, इसलिए अगले छह महीनों में गोदाम की जगह खाली करने की तत्काल आवश्यकता है, ताकि नई गेहूं की फसल का भी भंडारण किया जा सके.

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ई-नीलामी के जरिए चावल की बिक्री शुरू

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने पहले ही साप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए चावल बेचना शुरू कर दिया है, जिससे इस वित्तीय वर्ष में अब तक एक लाख टन से अधिक की खरीद हुई है. इस बीच, उपभोक्ता सहकारी संस्था एनसीसीएफ सोमवार को ई-नीलामी आयोजित करेगी. नोटिस में कहा गया है कि केवल वे बोलीदाता जिन्होंने अनुबंध नोट की विधिवत हस्ताक्षरित प्रति प्रस्तुत की है, उन्हें नीलामी में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी. इसमें यह भी कहा गया है कि गेहूं का कच्चा स्टॉक (एफसीआई से) बोलीदाता द्वारा जमा की गई 100 प्रतिशत अग्रिम राशि के विरुद्ध जारी किया जाएगा और इस उद्देश्य के लिए कच्चे माल की लागत 2,065 रुपये प्रति क्विंटल मानी जाएगी.

गेहूं की दर 2,300 रुपये क्विंटल तय की गई

सरकार ने पहले ही उपभोक्ताओं को भारत आटा की सीधी बिक्री के लिए एनसीसीएफ और अन्य सहकारी समितियों को आपूर्ति के लिए गेहूं की दर 2,300 रुपये क्विंटल तय कर दी है. एक अधिकारी ने कहा कि आटे के मामले में सहकारी समितियों को पीएसएफ से 235 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी लेनी पड़ सकती है. एक उपभोक्ता सहकारी समिति के अधिकारी ने कहा कि उनका संगठन बिक्री योजना के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि हमारे विक्रेताओं को भी इसी के अनुसार सूचित किया गया है, क्योंकि उन्हें प्रसंस्करण और पैकिंग के लिए एफसीआई गोदामों से अनाज लेना है. 

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