आजकल किसान खेती के साथ-साथ कोई ना कोई वैकल्पिक इनकम सोर्स भी रखते हैं, ताकि उन्हें खेती के अलावा अलग से भी कमाई होता रहे. वहीं, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मधुमक्खी पालन अब भी एक लोकप्रिय व्यवसाय बना हुआ है. मौजूदा समय में भी बड़ी संख्या में किसान इस व्यवसाय से जुड़ कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. इधर सरकार भी किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए लगातार प्रोत्साहित करती रही है. इसी कड़ी में बिहार सरकार मधुमक्खी पालन के इच्छुक किसानों को मधुमक्खी पालन और मधु उत्पादन कार्यक्रम (2025-26) के तहत मधुमक्खी कॉलोनी, मधुमक्खी छत्ता और मधु निष्कासन यंत्र और फूड ग्रेड कंटेनर पर सब्सिडी दे रही है. आइए जानते हैं किसान कैसे उठा सकते हैं इस योजना का लाभ.
बिहार सरकार मधुमक्खी पालन और मधु उत्पादन कार्यक्रम (2025-26) के तहत शहद के लिए मधुमक्खी कॉलोनी पर इकाई लागत 4000 रुपये का 50 फीसदी यानी 2000 रुपये सब्सिडी दे रही है. इसके अलावा सरकार मधुमक्खी छत्ता पर इकाई लागत के 2000 रुपये पर 50 फीसदी यानी 1000 रुपये किसानों को दे रही है. साथ ही मधु निष्कासन यंत्र और फूड ग्रेड कंटेनर पर 20000 रुपये इकाई लागत पर भी 50 फीसदी की सब्सिडी दे रही है. यानी सरकार किसानों को यंत्र खरीदने पर 10000 रुपये की सब्सिडी देगी.
यदि आप भी बिहार के किसान हैं और मधुमक्खी पालन करना चाहते हैं, तो इसके लिए सरकार आपके लिए सब्सिडी मुहैया करा रही है. इसके लिए किसान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. बता दें कि इस सब्सिडी का लाभ बिहार के सभी 38 जिले के किसान ले सकते हैं. वहीं, इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा किसान अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि या बागवानी विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं.
अगर किसान इसे व्यवसाय के तौर पर करें तो इसके कई फायदे हैं. वहीं, इससे फसलों के परागण यानी फसलों के प्रजनन में मदद मिलती है. इसके अलावा इससे फसल की उपज में भी काफी तेजी से बढ़ोतरी होती है. किसान मधुमक्खी पालन करके उससे निकले शहद को बाजारों में बेचकर अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं.