हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चुनाव से पहले किसानों के लिए 10 बड़ी घोषणाएं की हैं. सीएम सैनी ने किसानों के खातों में बोनस भेजा है. साथ ही सैनी ने कहा कि आज मेरे लिए गर्व का दिन है. आज हमने किसानों के लिए कम बारिश के चलते बढ़ रहे खर्चे को कम करने के लिए किसानों को 2 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से बोनस दिया है. आज इसके लिए पहली किस्त जारी की गई है. इसमें 5 लाख 20 हजार किसानों के खाते में 525 करोड़ रुपये की किश्त जारी की गई है.
प्रदेश के 14 जिलों में पशु चिकित्सा पोली क्लीनिक संचालित हैं. बाकी 8 जिलों में भी पशु चिकित्सा पॉली क्लीनिक खोले जाएंगे. साथ ही प्रदेश के दूध विक्रेता जो दूध की आपूर्ति घर-घर जाकर करते हैं जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये हैं, उन्हें दयालु योजना में शामिल किया जाएगा. इसमें परिवार में किसी को आकस्मिक मृत्यु पर वित्तीय सहायता दी जाएगी. इसके लिए दुग्ध उत्पादकों के लिए 35 हजार दुग्ध समितियां से जुड़े 15 लाख 59 हजार रुपये रुके हुए थे, वो जारी कर दिए हैं. वहीं, पिछले वित्त वर्ष में 39 करोड़ की सब्सिडी दी गई थी इस योजना में इसे 100 करोड़ किया गया है.
सीएम सैनी ने कहा कि हमने 14 अन्य फैसले एमएसपी पर खरीदी हैं. अब अन्य शेष फसलों को भी एमएसपी पर खरीदा जाएगा. साथ ही सीएम सैनी ने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि कांग्रेस बताए उन्होंने अपने समय में कितनी फसलें एमएसपी पर खरीदी हैं. उन्होंने कहा कि हमने 72 घंटे में किसान की फसल की पेमेंट उनके खातों में भेजी है अगर पेमेंट लेट होती है तो उनको ब्याज भी दिया जाता है. हमारी डबल इंजन की सरकार ने दिसंबर 2018 में किसान सम्मान निधि योजन शुरू की इसमें एक साल में 6 हजार रुपये दिए जाते हैं. अभी तक 17 किस्तों में 5790 करोड़ रुपये 20 लाख किसानों के खातों में भेजे गए हैं.
नहरों का रखरखाव करके टेल तक पानी पहुंचाया है. इससे पहले कभी भी अंतिम टेल तक पानी नहीं पहुंचा. उपलब्ध जल संसाधनों का उचित इस्तेमाल करने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना चलाई है. इसमें कम पानी की खपत वाली फसलों के उत्पादन के लिए किसानों को प्रेरित किया और 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की आर्थिक मदद दी है. वहीं, 12 जिलों में यह योजना शुरू की गई है. इसमें अब तक किसानों को इस योजना के तहत 255 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
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इसके अलावा पराली प्रबंधन के लिए हमने काफी काम किया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी हमारी प्रशंसा की है और पंजाब को कहा है कि हरियाणा से वो सीखें की पराली प्रबंधन कैसे किया जाता है. साथ ही पराली प्रोत्साहन योजना के लिए 1 हजार रुपये प्रति एकड़ दिया है. सीएम सैनी ने कहा कि केजरीवाल हमारे किसानों को पराली जलाने के लिए बदनाम करता था और उनके साथ मिलकर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा है.
सीएम सैनी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के चलते फसलों का जो नुकसान हुआ उसमे कांग्रेस के कार्यकाल में 2-2 हजार रुपए के चेक दिए जाते थे, किसानों को मुआवजा नहीं मिलता था. हमने किसानों को फसल के खराबे के लिए 10 सालों में 13 हजार 276 करोड़ रुपये दिए हैं. इसके अलावा नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा में चुनाव अपने समय पर होंगे.
1. पिछले दिनों जो कम बारिश कम हुई है, इससे किसानो का खर्चा बढ़ रहा था उस खर्चे को कम जाएगा.
2. इसके लिए सरकार किसानों को 2 हजार रुपये प्रति एकड़ बोनस देगी.
3. प्रदेश के 14 जिलों में पशु चिकित्सा पोली क्लीनिक संचालित हैं बाकी 8 जिलों में भी पशु चिकित्सा पोली क्लिनिक खोले जाएंगे.
4. प्रदेश के जिलों में पशु चिकित्सा पॉलिक्लीनिक हैं, इसके अलावा बाकी शेष जिले पंचकूला , कैथल , हिसार , झज्जर , यमुनानगर में भी पशु चिकित्सा पॉलिक्लीनिक खेले जाएंगे.
5. मुख्यमंत्री ने दूध विक्रेताओं के लिए घोषणाएं की है.
6. जिनकी पारिवारिक आय 3 लाख रुपये से कम है उन्हें दयालु योजना के तहत कवर किया जाएगा.
7. 35 हजार दूध सहकारी समितियों से जुड़े दूध उत्पादक है, उन्हें 15 करोड़ 59 लाख रुपये सब्सिडी के जो रुके थे वो डीबीटी के माध्यम से दिया जाएगा.
8. 14 अन्य फैसले एमएसपी पर खरीदी जाएगी.
9. इसके अलावा अब अन्य शेष फसलों को भी एमएसपी पर खरीदा जाएगा.
10. उपलब्ध जल संसाधनों का उचित इस्तेमाल करने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना का लाभ दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष से सवाल पूछे, उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने के लिए हमारी सरकार के प्रति ऊलजलूल ,भ्रामक व झूठे आरोप लगा रही है. हमने 50 लाख 65 हजार 200 मीट्रिक टन बाजरे की खरीद की है और भावांतर भी दिया है. किसानों के लिए जो घड़ियाली आंसू बहा रहे है उनसे पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस 10 साल में सत्ता में रहते कितना बाजरा खरीदा गया है. 33 लाख 52 हजार मीट्रिक टन सरसों हमने एमएसपी पर खरीदी है वो बताएं 10 साल उनकी सरकार में कितनी सरसों खरीदी. कांग्रेस ने सूरजमुखी की खरीद के नाम पर भी धोखा किया है, वो बताएं कितनी सूरजमुखी एमएसपी पर उन्होंने खरीदी है. दरअसल, 2005 से 2014 तक किसान आलू , प्याज जैसी फसल किसान सड़क पर फेंकने के लिए मजबूर होता था. आज का समय है जब किसानों को पूरा भाव देने का काम हमारी सरकार कर रही है.