Irrigation Facilities : केंद्र सरकार की मदद से छत्तीसगढ़ के आदिवासी किसानों को मिलेगी सिंचाई सुवि‍धा

Irrigation Facilities : केंद्र सरकार की मदद से छत्तीसगढ़ के आदिवासी किसानों को मिलेगी सिंचाई सुवि‍धा

आदिवासी बहुल राज्य छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में अभी भी Tribal Farmers के पास खेती के पर्याप्त संसाधनों का अभाव है. इसमें सिंचाई सुविधाओं से आदिवासी किसान पूरी तरह महरूम हैं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकार ने इस इलाके के किसानों की सुध लेते हुए 180 करोड़ रुपये की लागत वाली Irrigation Projects को मंजूरी दी है.

छत्तीसगढ़ सरकार देगी बस्तर के आदिवासी किसानों को सिंचाई सुविधाएं छत्तीसगढ़ सरकार देगी बस्तर के आदिवासी किसानों को सिंचाई सुविधाएं
न‍िर्मल यादव
  • Raipur,
  • Aug 15, 2024,
  • Updated Aug 15, 2024, 1:51 PM IST

छत्तीसगढ़ का बस्तीर संभाग आदिवासी बहुल है. इस इलाके में आदिवासि‍यों के गांवों में Modern Farming Facilities को मुहैया कराने के लिए विष्णुदेव साय सरकार ने केंद्र के साथ मिलकर बनाई गई योजना को लागू करना प्रारंभ कर दिया है. इस कड़ी में बस्तर संभाग के 7 Aspirational Districts में भू-जल सिंचाई योजना के माध्यम से किसानों को सिंचाई सुविधाओं से लैस कर दिया जाएगा. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत बस्तर संभाग के 7 जिलों में 187 करोड़ रुपये की लागत से पूरी होने की जाने वाली योजना का Action Plan तैयार कर लिया गया है. इसे जल्द ही जमीन पर उतारने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा. सरकार का दावा है कि इस भू-जल सिंचाई योजना से  इलाके के लभगभ 14 हजार आदिवासी किसान लाभान्वित होंगे.

3 हजार से ज्यादा बोरवेल बनेंगे

छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के अधिकारियों के साथ अहम बैठक कर बस्तर के लिए भूजल सिंचाई योजना को अंतिम रूप दिया. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस योजना में शामिल Central Water Resources Ministry के अंतर्गत केंद्रीय भूमि जल बोर्ड और फरीदाबाद स्थ‍ित भू-जल भवन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है.

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सिंचाई का मौजूदा हाल

गौरतलब है कि योजना में शामिल किए गए बस्तर संभाग के 07 आकांक्षी जिलों में इस साल कुल बोया गया क्षेत्र 8 लाख 81 हजार 949 हेक्टेयर है. इसमें से 1 लाख 27 हजार 052 हेक्टयर जमीन पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध है. यह सुविधा कुल क्षेत्र के 12.56 प्रतिशत इलाके की पूर्ति करती है.

वर्तमान में इस जमीन पर सतही जल के माध्यम से सिंचाई सुविधा उपलब्ध है. सरकार का मानना है कि वन अच्छादित बस्तर इलाके में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें भू-जल के माध्यम से ही सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस जरूरत को भी पूरा करने के लिए Ground Water  के माध्यम से 15 हजार हेक्टयर में अतिरिक्त सिंचाई उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए ही यह कार्ययोजना तैयार की जा रही है.

इन किसानों का होगा फायदा

सरकार की ओर से जारी बयान में अनुमान व्यक्त किया गया है कि भूजल सिंचाई योजना के दायरे में रखे गए बस्तर संभाग के 7 जिलों में लागू की जा रही कार्ययोजना से कुल 13 हजार 852 लघु एवं सीमांत किसानों को भू-जल सिंचाई योजना के माध्यम से सिंचाई सुविधा मिलेगी. इनमें अनुसूचित जनजाति के 12,656 किसानों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा.

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इसके अलावा अनुसूचित जाति के 560 किसान और सामान्य वर्ग के 363 किसान भी इस योजना से लाभान्वि‍त होंगे. इतना ही नहीं, इस योजना से लाभान्वित होने वालों में 10 हजार 498 लघु किसान और 3 हजार 354 सीमान्त किसान शामिल हैं. 

कश्यप ने कहा कि केंद्र सरकार की मदद से बस्तर के आदिवासी किसानों काे सिंचाई सुविधा मिलने से इस इलाके के किसानों की उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ हर खेत को पानी  उपलब्ध कराने प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा कि पानी कृषि का प्रमुख घटक होने के कारण किसानों के लिए यह एक बुनियादी आवश्यकता है. कश्यप ने कहा कि बस्तर संभाग के कई क्षेत्र अभी भी सिंचाई सुविधा से वंचित हैं. जल्द ही ये इलाके भी सिंचित हो जाएंगे. यह योजना केवल लघु एवं सीमान्त किसानों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है.

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