Millets Procurement: चुनाव से पहले CM भूपेश बघेल की बड़ी घोषणा, कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य बढ़ाया

Millets Procurement: चुनाव से पहले CM भूपेश बघेल की बड़ी घोषणा, कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य बढ़ाया

छत्तीसगढ़ में मोटे अनाजों की खेती बड़े पैमाने पर होती है. यहां के आदिवासी इलाकों में इस खेती को प्रधानता दी जाती है. इधर केंद्र सरकार ने भी मोटे अनाजों की खेती और उसकी खरीद को बढ़ावा दिया है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बड़ी घोषणा की और कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य बढ़ाने का ऐलान कर दिया.

छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य बढ़ायाछत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य बढ़ाया
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 07, 2023,
  • Updated Oct 07, 2023, 8:33 AM IST

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले 'कोदो' और 'कुटकी' जैसे मोटे अनाज की खरीद के लिए समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की घोषणा की. इस बारे में एक अधिकारी ने कहा, इस कदम से राज्य के आदिवासी क्षेत्र के किसानों को फायदा होगा जहां ये बाजरा पारंपरिक रूप से उगाए जाते हैं. "राज्य सरकार पिछले साल के समर्थन मूल्य पर दो मोटे अनाज खरीद रही है. सीएम ने गोधन न्याय योजना (गोबर और मूत्र खरीद योजना) के लाभार्थियों को पैसे बांटने के लिए अपने आधिकारिक आवास पर आयोजित एक समारोह के दौरान समर्थन मूल्य बढ़ाने की घोषणा की., “जनसंपर्क विभाग के अधिकारी ने कहा.

किसानों के एक कार्यक्रम में बघेल ने कहा, "केंद्र सरकार से कई बार अनुरोध करने के बावजूद, उसने कोदो और कुटकी का समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया. बाजरा उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए, राज्य सरकार ने कोदो का समर्थन मूल्य 3,000 रुपये प्रति क्विंटल (2022-23) से बढ़ाने का फैसला किया है. इसे 3,200 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है, जबकि कुटकी के लिए इसे 3,100 रुपये प्रति क्विंटल (2022-23) से बढ़ाकर 3,500 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है,” सीएम ने कहा.

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क्या कहा सीएम बघेल ने

बाद में बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इन दोनों मोटे अनाजों के कलेक्शन, प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 'महुआ बोर्ड' का गठन करने का निर्णय लिया गया. अधिकारी ने कहा, "छत्तीसगढ़ में महुआ के पेड़ बहुतायत में पाए जाते हैं. इसके फूल न केवल खाने योग्य होते हैं बल्कि इसमें औषधीय गुण भी होते हैं, जबकि बीज स्वस्थ वसा का अच्छा स्रोत होते हैं." 
उन्होंने कहा कि महुआ की प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने से बायोडीजल या इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों को लगाने का रास्ता साफ होगा.

चुनाव से पहले बड़ा दांव

छत्तीसगढ़ में मोटे अनाजों की खेती बड़े पैमाने पर होती है. यहां के आदिवासी इलाकों में इस खेती को प्रधानता दी जाती है. इधर केंद्र सरकार ने भी मोटे अनाजों की खेती और उसकी खरीद को बढ़ावा दिया है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बड़ी घोषणा की और कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य बढ़ाने का ऐलान कर दिया. इससे प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा होगा जो मिलेट्स की खेती करते हैं. अब वे सरकारी रेट पर अपना अनाज बेच पाएंगे और अपनी कमाई बढ़ा सकेंगे. हालिया सीजन में छत्तीसगढ़ ने धान की खरीद में भी बड़ा रिकॉर्ड बनाया था.

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