परंपरागत तरीकों से की जाने वाली खेती में अत्यधिक श्रम और समय लगता है. यही वजह है कि तकनीक और मशीनों के आने से किसानों का श्रम और समय दोनों बचने लगा है. सरकारें भी किसानों को खेती में नई तकनीकों के इस्तेमाल काे बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. इसी क्रम में राजस्थान सरकार भी सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाईजेशन (SMAM) योजना चला रही है, जिसमें किसानों को कुछ कृषि मशीनों की खरीद पर श्रेणी के आधार पर अधिकतम 40 से 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. इसमें एक मशीन पर 1 लाख रुपये तक सब्सिडी दी जारी है. जानिए किन कृषि मशीनों पर मिलेगी सब्सिडी...
क्र. सं. | यंत्रीकरण (ट्रेक्टर /पावर ऑपरेटेड यंत्र) | SC/ST/लघु/सीमान्त और महिला किसान | अन्य श्रेणी के किसान |
1 | सीड ड्रिल/सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल | कीमत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 15,000-28,000 रुपये | कीमत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 12,000-22,400 रुपये |
2 | डिस्क प्लाऊ/ डिस्क हैरो | कीमत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 20,000-50,000 रुपये | कीमत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 16,000-40,000 रुपये |
3 | रोटावेटर | कीमत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 42,000-50,400 रुपये | कीमत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 34,000-40,300 रुपये |
4 | मल्टी क्रॉप थ्रेसर | कीमत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 30,000-1,00,000 रुपये | कीमत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 25,000-80,000 रु. जो भी कम हो |
5 | रिज फरो प्लांटर/ मल्टी क्रॉप प्लांटर/ ट्रैक्टर ऑपरेटेड रिपर | कीमत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 30,000-75,000 रुपये | कीमत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 24,000-60,000 रु. जो भी कम हो |
6 | चिजल प्लाऊ | कीमत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10,000-20,000 रुपये | कीमत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 8,000-16,000 रुपये |
योजना के तहत ये सभी कृषि उपकरण 20 बी.एच.पी. से कम की क्षमता से 35 बी.एच.पी. से अधिक की क्षमता तक के होंगे और सब्सिडी के रूप में ऊपर निर्धारित राशि और अधिकतम 40 या 50 प्रतिशत में जो भी सबसे कम होगी, उस के आधार पर तय होगी. उदहारण के तौर पर अगर चिजल प्लाऊ पर कीमत की 50 प्रतिशत सब्सिडी 5000 रुपये होती है और योजना में अधिकतम राशि 10000 तय है तो आपको 5000 रुपये सब्सिडी दी जाएगी. यह नियम सभी श्रेणियों के किसानों पर लागू होगा.
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आवेदक करने के लिए किसान की खुद के नाम से खेती की जमीन होनी चाहिए या अविभाजित परिवार होने की स्थिति में राजस्व रिकॉर्ड में आवेदनकर्ता का नाम होना अनिवार्य है.
एक किसान को किसी भी योजना में एक प्रकार की कृषि मशीन पर तीन साल की काल अवधि में सिर्फ एक बार ही सब्सिडी दी जाएगी. वहीं, एक किसान को एक वित्तीय वर्ष में सिर्फ एक ही मशीन पर सब्सिडी मिलेगी.
ट्रैक्टर से चलने वाली कृषि मशीन की सब्सिडी लेने के लिए ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन आवेदक के नाम पर होना जरूरी है.
ऊपर दी गई पात्रता और नियमों में फिट आने पर इच्छुक किसान खुद से या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जनाधार नम्बर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन पूरा होने पर इसकी रसीद तुरंत मिल जाएगी. आवेदन के लिए ये दस्तावेज हैं जरूरी
आवेदन करने वाले किसानों को विभाग ने सलाह दी है कि कृषि मशीनों की खरीदी कृषि कार्यालय की प्रशासनिक मंजूरी मिलने के बाद ही करें. मंजूरी की जानकारी मोबाइल पर मैसेज या क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक से हासिल की जा सकेगी. सब्सिडी के लिए किसानों को राजकिसान साथी पोर्टल पर जारी सूची में राज्य के किसी भी जिले में रजिस्टर्ड निर्माता या विक्रेता से कृषि यंत्र खरीदने पर सब्सिडी मिलेगी.