
राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए फार्मर रजिस्ट्री को तेजी से लागू करते हुए इसे सरकारी योजनाओं का मुख्य आधार बना दिया है. इस रजिस्ट्री का उद्देश्य किसानों को कृषि से जुड़ी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से देना है. राजस्व विभाग के मुताबिक, राजस्थान में अब तक 80 लाख से अधिक किसान राजस्थान फार्मर रजिस्ट्री से जुड़ चुके हैं. फार्मर रजिस्ट्री के जरिए किसानों को पीएम किसान योजना की किस्त, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बिक्री, फसल बीमा, फसली ऋण और आपदा राहत जैसी सुविधाओं तक आसान पहुंच मिलेगी. राज्य और केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ भी केवल पंजीकृत किसानों को सीधे दिया जाएगा.
किसान अपना पंजीकरण नजदीकी ई-मित्र केंद्र, ग्राम पंचायत, तहसील कार्यालय या CSC के माध्यम से करा सकते हैं.
इसके लिए आधार कार्ड, जमाबंदी या खसरा संख्या और आधार से लिंक मोबाइल नंबर अनिवार्य है. सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द पंजीकरण कर बेहतर और आसानी से कृषि सुविधाओं का लाभ लें.
बता दें कि केंद्र सरकार ने डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत फार्मर रजिस्ट्री की शुरुआत की है, जिसे AgriStack नाम से भी जाना जाता है. यह एक राष्ट्रीय स्तर का डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसका मकसद देश के सभी किसानों का एक प्रमाणिक और एकीकृत डेटाबेस तैयार करना है.
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, इस पहल के जरिए हर किसान को एक यूनिक फार्मर आईडी (Farmer ID) दी जा रही है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सही किसान तक समय पर पहुंच सके.
AgriStack को सितंबर 2024 में मंजूरी दी गई थी और इसके बाद फार्मर रजिस्ट्री को इसके मुख्य स्तंभ के रूप में लागू किया गया. फार्मर रजिस्ट्री का इस्तेमाल पीएम किसान योजना, फसल बीमा, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद, कृषि ऋण और आपदा राहत जैसी योजनाओं को सीधे किसान से जोड़ने के लिए किया जाएगा. इससे फर्जी लाभार्थियों पर रोक लगेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी.
केंद्र सरकार की इस पहल को राज्यों के सहयोग से तैयार किया जा रहा है. हर राज्य अपने भूमि रिकॉर्ड, किसान विवरण और आधार आधारित पहचान को जोड़कर इस रजिस्ट्री को मजबूत कर रहा है.
AgriStack के आधिकारिक पोर्टल agristack.gov.in पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, आने वाले समय में सभी कृषि सेवाएं इसी डिजिटल पहचान के जरिए दी जाएंगी. इससे किसानों को बार-बार दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. फार्मर रजिस्ट्री से खेती से जुड़ी योजनाओं का लाभ ज्यादा तेजी से और सही तरीके से दिया जा सकेगा.