PMFBY Scam: राजस्‍थान में पीएम फसल बीमा योजना में 122 करोड़ का घोटाला, कृषि मंत्री ने किया खुलासा

PMFBY Scam: राजस्‍थान में पीएम फसल बीमा योजना में 122 करोड़ का घोटाला, कृषि मंत्री ने किया खुलासा

Rajasthan PMFBY Scam: राजस्थान में पीएमएफबीवाई के तहत 122 करोड़ रुपये का फसल बीमा घोटाला सामने आया है, जिसमें 1.7 लाख किसानों के दावों को ‘शून्य’ दिखाया गया है और रिपोर्ट पर हस्ताक्षर भी फर्जी पाए गए. मंत्री ने कहा कि प्रभावित किसानों को मुआवजा मिलेगा और बीमा कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज होगी.

Rajasthan PMFBY 122 Crore rs ScamRajasthan PMFBY 122 Crore rs Scam
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 17, 2025,
  • Updated Oct 17, 2025, 8:24 PM IST

राजस्थान में फसल बीमा योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है. प्रदेश के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में करीब 122 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. इस घोटाले में 1.7 लाख से अधिक किसानों के दावों को ‘शून्य’ दिखाया गया, जबकि उनकी फसलें बारिश और अन्य कारणों से बर्बाद हुई थीं. श्रीगंगानगर में पत्रकारों से बातचीत में मंत्री मीणा ने बताया कि वर्ष 2023 और 2024 की फसल सीजन के दौरान लगभग 1.7 लाख किसानों ने ऑनलाइन माध्यम से अपनी फसल क्षति के दावे दर्ज कराए थे. लेकिन, बीमा कंपनी ने सभी दावों को ‘जीरो’ दिखा दिया. 

दस्‍तावेजों पर फर्जी हस्‍ताक्षर

मंत्री ने बताया कि जांच में सामने आया कि किसानों और कृषि विभाग के अधिकारियों के हस्ताक्षर फर्जी हैं. इसका मतलब है कि न तो कोई वास्तविक सर्वे हुआ और न ही नुकसान का आकलन किया गया. बीमा कंपनी ने दस्तावेजों में हेराफेरी कर फंड का दुरुपयोग किया.

मीणा ने बताया कि इन व्यक्तिगत दावों की कुल राशि लगभग 100 करोड़ रुपये थी, जिसे जाली दस्तावेजों के माध्यम से निपटाया हुआ दिखाया गया. इसके अलावा, खरीफ 2023 सीजन में 1,800 किसानों के करीब 22 करोड़ रुपये के ऑफलाइन दावों में भी इसी तरह की गड़बड़ियां मिली हैं.

32 हजार दावों में 30 हजार जाली निकले

कृषि मंत्री ने कहा कि विभाग ने अब तक 32,000 दावों की जांच की है, जिनमें से 30,000 से अधिक जाली पाए गए हैं. उन्होंने इसे किसानों के साथ सीधा धोखा और सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी का गंभीर मामला बताया.

मीणा ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत व्यक्तिगत दावों की जांच के लिए एक समिति बनाई जाती है, जिसमें किसान प्रतिनिधि और कृषि विभाग का अधिकारी शामिल होते हैं. लेकिन, इस घोटाले में दोनों के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए, जिससे स्पष्ट है कि कोई असली सर्वे नहीं हुआ.

प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा

मंत्री ने कहा कि प्रभावित किसानों को विभाग की मानक प्रक्रिया (SOP) के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही, संबंधित बीमा कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी किसान को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा और पूरे प्रकरण की पारदर्शी जांच कर दोषियों को सजा दी जाएगी.

कृषि मंत्री का यह खुलासा प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य किसानों को फसल क्षति से सुरक्षा देना है, लेकिन इस मामले ने योजना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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