एमपी में किसानों के बीच पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान खूब लोकप्रिय हैं. उनकी अगुवाई में अब देश भर के किसानों से जुड़ी तमाम सरकारी योजनाएं विभिन्न प्रचार माध्यमों से गांव गांव पहुंचाई जा रही हैं. इस क्रम में सरकार देश के किसानों को खेती के प्रति Climate Change की चुनौतियों से बचाने के लिए Crop Insurance कराने के लिए जागरूक कर रही है. इसके तहत जिला मुख्यालयों सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की जानकारी किसानों तक पहुंचाने के लिए होर्डिंग लगाए जा रहे हैं. शिवराज के संसदीय क्षेत्र विदिशा में भी कलेक्टर कार्यालय परिसर में फसल बीमा योजना का होर्डिंग लगाया गया. जिस फर्म को होर्डिंग लगाने का काम सौंपा गया, उसे काम का भुगतान नहीं होने पर फर्म के मालिक ने अपनी नाराजगी जताने के लिए कलेक्टर परिसर के होर्डिंग पर कालिख पोत दी.
केंद्र और राज्य सरकारें लगातार किसानों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में फसल बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. खासकर, वर्षा पर आधारित Kharif Season में मॉनसून के असमान वितरण सहित अन्य कारणों से Crop Damage के खतरे को देखते हुए सरकार फसल बीमा पर पूरा जोर दे रही है. इस बारे में किसानों को जागरूक करने के मकसद से PMFBY का जमकर प्रचार हो रहा है.
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इसकी भनक लगने पर अधिकारियों में हड़कंप मच गया. इस काम को अंजाम देने के बारे में आनन फानन में पता करवा कर पटेल को कलेक्टर कार्यालय बुलाया गया. उसने अधिकारियों को बताया कि कंपनी द्वारा उसका 8 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जबकि उसने समय से अपने काम को पूरा कर दिया था.
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कलेक्टर कार्यालय के अधिकारियों ने कालिख लगे होर्डिंग को हटा कर ठेकेदार के आरोपों की पड़ताल की. इसमें कंपनी से पूछने पर बताया गया कि ठेकेदार को भुगतान हो चुका है. हालांकि अधिकारियों ने माना कि कंपनी की ओर से भुगतान के बारे में अभी तक सटीक विवरण पेश नहीं किया जा सका है.
ऐसे में ठेकेदार का आरोप सही प्रतीत होता है, मगर इसके बावजूद विरोध जताने का यह तरीका कानून के उल्लंघन के दायरे में आने के कारण जिला प्रशासन ने घटना की जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है. साथ ही भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए संबंधित कंपनियों को सरकारी काम से जुड़े सभी वेंडर का भुगतान समय से करने को कहा है.