मध्य प्रदेश में 15 मार्च से गेहूं की एमएसपी पर सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है, जो 5 मई 2025 तक चलेगी. इस बीच, इस खरीद प्रक्रिया में सरकार ने महिलाओं के रोजगार को लेकर बड़ा फैसला किया है. सीएम डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुसार महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से उपार्जन नीति (Procurement Policy) में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीद में में महिलाओं को मौका देने के लिए महिला स्व-सहायता समूहों और ग्राम संगठकों को काम देने देने का प्रावधान किया गया है.
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया है कि महिला स्व-सहायता समूहों या ग्राम संगठकों को उपार्जन का काम देने के लिए प्रक्रिया निर्धारित कर निर्देश जारी किए गए हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत रजिस्टर्ड महिला स्व-सहायता समूहों या ग्राम संगठकों का एक वर्ष पहले का पंजीयन होना चाहिए. साथ ही समूह या संगठकों के बैंक खाते में कम से कम 2 लाख रुपये जमा होना अनिवार्य है.
एक शर्त यह भी रखी गई है कि समूह ने पिछले एक साल में नियमित रूप से बैठकें बुलाई हों और समूह में सभी सदस्य और अधिकारी महिलाएं होना चाहिए. इसके अलावा वर्षों में उपार्जन कार्य में कोई अनियमितता नहीं की गई हो और महिला स्व-सहायता समूहों, ग्राम संगठकों को उपार्जन (खरीद) का काम देने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की सिफारिश जरूरी है.
मंत्री ने अपने बयान में कहा कि उपार्जन के काम के लिए महिला स्व-सहायता समूहों का चयन निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा. उपार्जन के काम के लिए विभाग महिला स्व-सहायता समूहों और ग्राम संगठकों को उपार्जन और पंजीयन की अवधि के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर का मानदेय देगा. इसके साथ ही केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित कमीशन और उचित खर्च भी दिए जाएंगे.
इससे पहले मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने जानकाारी दी कि कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री के लिए 10 लाख 20 हजार 224 किसानों ने रजिस्ट्रेश कराया है. उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि गेहूं की बिक्री के लिए समय-सीमा में रजिस्ट्रेशन करा लें. किसान 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
गेहूं की खरीद 5 मई तक होगी. गेहूं की खरीदी के लिये 2648 उपार्जन केन्द्र बनाए जा चुके हैं. किसानों को गेहूं की खरीदी के लिए 2600 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिया जा रहा है. इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये है और राज्य सरकार की ओर से 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जा रहा है.