हिमाचल प्रदेश में बंद हुई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना, कृषि मंत्री ने की घोषणा

हिमाचल प्रदेश में बंद हुई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना, कृषि मंत्री ने की घोषणा

हिमाचल प्रदेश में 24, 000 हेक्टेयेर से अधिक क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जाती है. इसके साथ ही राज्य में इस तकनीक से 1 लाख 71 हजार किसान खेती कर रहे हैं. राज्य के कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने यह घोषणा की कि इस योजना को अब राज्य में बंद किया जा रहा है.

हिमाचल में बंद हुई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना                          सांकेतिक तस्वीरहिमाचल में बंद हुई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना सांकेतिक तस्वीर
क‍िसान तक
  • Shimla,
  • Oct 31, 2023,
  • Updated Oct 31, 2023, 11:46 AM IST

प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश एक अग्रणी राज्य है. इसे बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना चलायी जा रही थी. इस योजना को अब राज्य सरकार ने बंद कर दिया है. राज्य में रासायनमुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई थी. योजना को शुरु करने के पीछे हिमाचल के तत्कालीन राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो अभी गुजरात के राज्यपाल हैं. प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत राज्य में काफी संख्या में किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ रहे थे और प्राकृतिक खेती का रकबा भी बढ़ा था.

योजना का ही परिणाम है कि आज हिमाचल प्रदेश में 24, 000 हेक्टेयेर से अधिक क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जाती है. इसके साथ ही राज्य में इस तकनीक से 1 लाख 71 हजार किसान खेती कर रहे हैं. राज्य के कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने यह घोषणा की कि इस योजना को अब राज्य में बंद किया जा रहा है. अब राज्य सरकार अपने द्वारा संचालित योजनाओ के जरिए राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के का काम करेगी. राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सालाना लगभग  25 करोड़ रुपये आवंटित करती है.

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वापस बुलाए जाएंगे कर्मचारी

चंद्र कुमार ने कहा कि पिछली सरकार ने इस योजना को शुरू करने के लिए जैविक खेती के लिए कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी के तहत स्वीकृत धन का इस्तेमाल किया था.  उन्होंने कहा कि एमएस स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता था और उन्होंने रासायनिक खेती और जैविक खेती को प्रोत्साहित किया था. मंत्री ने कहा कि उन्होंने विभाग को इस योजना में प्रतिनियुक्ति पर गए राज्य सरकार के कर्मचारियों को वापस लाने और आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया है.

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किसानों का सक्षम  बनाने के लिए कार्य करें वैज्ञानिक

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक कृषि मंत्री ने कहा कि उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों को अपने अनुसंधान कार्य को खेतों तक ले जाने और किसानों की तकनीकी जानकारी को अधिक सक्षम बनाने के लिए नियमित तौर पर शिविर आयोजति करने का निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्रवरक और कीटनाशक पर निर्भरता कम करने के लिए, हिमाचल सरकार ने पांच साल पहले प्राकृतिक खेती योजना शुरू की थी. 2,669 किसानों के साथ इस योजना की शुरुआत हुई थी. रसायन-मुक्त खेती की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1.71 लाख किसानों ने इसे चुना, जिनमें से 60 फीसदी से अधिक महिलाएं थीं.

 

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