
उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने 'रिवर रैंचिंग' के तहत लखनऊ के गोमती नदी में 80 से 100 MM की 2 लाख छोटी मछलियों को छोड़ा. इस अवसर पर मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि रोहू, कतला और नैन प्रजाति की मछलियों को तलाब में छोड़ा गया है. इससे मत्स्य उत्पादन बढ़ेगा, रोजगार सृजित हो और मछुआरों की आय में वृद्धि होगी.
उन्होंने कहा कि पहले नदियों में मछलियों की मृत्यु दर 30% होती थी, जो अब घटकर 10% रह गई है. वहीं योगी सरकार नदियों की पारिस्थितिकी, जलीय जैव विविधता और मछुआरा समुदाय की आजीविका सुधारने के लिए निरंतर प्रयासरत है. मंत्री ने अधिकारियों को ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए और कहा कि इससे नदियों का पारिस्थितिकीय तंत्र मजबूत होगा.
डॉ निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का मुख्य उद्देश्य नदियों में मत्स्य संसाधनों का पुनर्जीवन, पारंपरिक मछली पकड़ने के तरीकों को बढ़ावा देना, मछुआ समुदाय की आजीविका को मजबूत बनाना तथा जलीय जैव विविधता में वृद्धि करना है. उन्होंने बताया कि नदी पारिस्थितिकीय प्रणाली के संरक्षण हेतु रिवर रैंचिंग प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है.
इस मौके पर मत्स्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने कहा कि प्रदेश भर में रिवर रैचिंग कार्यक्रमों को निरंतर संचालित किया जाना चाहिए. इस प्रकार के कार्यक्रमों से जलीय जैवविविधता में और वृद्धि होगी और नदियों में पारिस्थितिकीय तंत्र को बनाए रखने में सहायता मिलेगी. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मत्स्य पालन के लिए एयरेशन सिस्टम योजना एवं मछुआ दुर्घटना बीमा के 6 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए.
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