
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर 2025 को पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त जारी करेंगे. काफी समय से किसानों को इस किस्त की तारीख का इंतजार था. देशभर में 9 करोड़ से ज्यादा किसान पीएम किसान योजना का लाभ उठाते हैं. योजना की 20वीं 2 अगस्त 2025 को जारी हुई थी. बाढ़ के चलते पंंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और बाद में जम्मू-कश्मीर के किसानों को यह किस्त समय से पहले दे दी गई थी. वहीं, अब अन्य बचे हुए राज्यों में 19 नवंबर को किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपये पहुंचेंगे.
शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत अब तक देश के 11 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खातों में सीधे 3.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की है.
24 फरवरी, 2019 को शुरू की गई यह केंद्रीय योजना, प्रत्येक पात्र किसान परिवार को 6000 रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता देती है. यह वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) पहलों में से एक है, जो लाभार्थियों को सीधे वित्तीय सहायता देने में इसके खास प्रभाव को दिखाती है. इस योजना में कुल लाभ का 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सा महिला लाभार्थियों को जाता है.
सरकार ने योजना को मजबूत बनाने और इसे अधिक पारदर्शी बनाने के लिए व्यापक डिजिटल सुधार शामिल किए हैं. आधार बेस्ड सत्यापन, ई-केवाईसी, पीएम-किसान मोबाइल ऐप और किसान-ईमित्र चैटबॉट जैसे तकनीकी उपायों ने बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह समाप्त कर दी है और लाभ सीधे किसानों तक पहुंच रहे हैं.
पीएम-किसान योजना में आधार एक महत्वपूर्ण आधारस्तंभ है. किसान अब तीन तरीकों- ओटीपी आधारित, बायोमेट्रिक आधारित और फेशियल ऑथेंटिकेशन आधारित ई-केवाईसी के जरिए अपनी पहचान सत्यापित कर सकते हैं. मोबाइल ऐप और फेशियल ऑथेंटिकेशन से किसान घर बैठे अपना और आसपास के अन्य किसानों का ई-केवाईसी पूरा कर पा रहे हैं.
सरकार ने pmkisan.gov.in पर “किसान कॉर्नर” सेक्शन में कई नई सुविधाएं जोड़ी हैं, जिनमें “अपनी स्थिति जानें” फीचर प्रमुख है. किसान अब आसानी से अपना पंजीकरण स्टेटस और भुगतान की स्थिति देख सकते हैं. इसके अलावा किसान नजदीकी सीएससी केंद्र पर पंजीकरण कर सकते हैं और घर बैठे इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक में आधार आधारित बैंक खाता भी खोल सकते हैं.
योजना से जुड़े मुद्दों के त्वरित समाधान के लिए पीएम-किसान पोर्टल और सीपीजीआरएएमएस पर शिकायत निवारण प्रणाली उपलब्ध कराई गई है. साथ ही लार्ज लैंग्वेज मॉडल तकनीक पर आधारित किसान-ईमित्र चैटबॉट किसानों को 11 भाषाओं में 24/7 मदद प्रदान करता है. यह उनके आवेदन, भुगतान और अन्य विवरणों की जानकारी आवाज के माध्यम से भी देता है. स्वचालित भाषा पहचान और योजना पहचान प्रणाली इसे और प्रभावी बनाती है.
कृषि मंत्रालय ने किसानों की जानकारी और पात्रता को एक जगह संकलित करने के लिए किसान रजिस्ट्री (फार्मर आईडी) की नई पहल शुरू की है. यह रजिस्ट्री किसानों को सभी सामाजिक कल्याण योजनाओं तक आसान और तेज पहुंच सुनिश्चित करेगी. पहले किसानों को कई चरणों से गुजरना पड़ता था, लेकिन रजिस्ट्री बनने से जटिलता घटेगी और लाभ सीधे पात्र किसानों तक पहुंचेंगे.
अंतरराष्ट्रीय खाद्य और नीति अनुसंधान संस्थान के अध्ययन के अनुसार, पीएम-किसान योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाए हैं. किसानों की ऋण निर्भरता कम हुई है, कृषि निवेश बढ़ा है और जोखिम लेने की क्षमता भी बढ़ी है. यह धनराशि कृषि कार्यों के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों में भी किसानों की मदद कर रही है.