हरियाणा में गायों और गोवंश के संरक्षण के लिए सरकार तरह-तरह की योजनाएं और पहलों के माध्यम से काम कर रही है. अब राज्य में बेसहारा गोवंश मुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. गौशालाओं के विकास और गोवंश के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार लगातार बजट में बढ़ोतरी कर रही है. इसी कड़ी में गोवंश की देखभाल के लिए राज्य सरकार ने गौ शालाओं को दी जाने वाली प्रतिदिन चारा राशि में पांच गुना बढ़ोतरी की है.
राज्य सरकार के फैसले के मुताबिक, अब गौशालाओं को प्रति गाय 20 रुपये प्रतिदिन, नंदी के लिए 25 रुपये प्रतिदिन और बछड़ा या बछड़ी के लिए 10 रुपये प्रतिदिन चारे के लिए सब्सिडी के रूप में दिए दी. इसके लिए 211 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है. सरकार की कोशिश है कि गाय और गोवंशों को सड़कों पर छोड़ने की बजाय पास की किसी गोशालाओं में जगह मिल जाए.
इससे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि प्रदेश में 100 प्रतिशत फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जा रही है और सब्जी किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है. कांग्रेस और आप इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं. पीएम मोदी ने किसानों को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं.
हरियाणा में हमने किसानों का वित्तीय बोझ कम करने के लिए सब्सिडी दी है. पंजाब सरकार और हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों को भी ऐसा करना चाहिए. 2012-13 में कांग्रेस सरकार के तहत डीएपी और यूरिया की कीमत तीन गुना बढ़ गई थी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, 2022 में खाद की कीमतें बढ़ीं, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने कीमते स्थिर रखने का काम किया.
बता दें कि हरियाणा सरकार ने गौ सेवा का बजट 40 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 400 करोड रुपए किया है. राज्य सरकार देसी गाय पालने वाले किसानों को सरकार 30,000 रुपये की सहायता राशि भी देती है. सीएम ने पिछले महीने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि हमारी सरकार की कोशिशों के चलते प्रदेश में 500 से ज्यादा गौशालाएं हो गई हैं. इन गौशालाओं में सरकार ने चारे की व्यवस्था करने का भी प्रावधान किया है. अब पंचायती भूमि पर भी गौशालाएं खोली जा सकती हैं. इसके अलावा जो कोई गौशाला के लिए भूमि देगा, उसकी सीएलयू की भी जरूरत नहीं है.