
देशभर में रबी सीजन की बुवाई काफी तेजी से जारी है. इस बीच, गुजरात सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी है. राज्य के उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी ने बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद घोषणा की कि सात जिलों के किसानों को अब कृषि फीडरों पर तय समय से ज्यादा बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि राज्य में रबी सीजन के दौरान जीरे की व्यापक खेती होती है, ऐसे में 20 नवंबर से छह जिलों के किसानों को अभी तक मिल रहे 8 घंटे की जगह 10 घंटे बिजली आपूर्ति दी जाएगी.
सरकार के अनुसार, अहमदाबाद, मेहसाणा, पाटन, सुरेंद्रनगर, वाव-थराड और मोरबी के 13 तालुकों (तहसीलों) में किसानों को दो घंटे अतिरिक्त बिजली मिलेगी. वहीं, दाहोद जिले के दो तालुकों (तहसीलों) में रबी फसलों की सिंचाई के लिए 4 घंटे अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी.
सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, जीरे की ज्यादा बुवाई वाली तहसीलों अहमदाबाद के वीरमगाम और मंडल, मेहसाणा का बेचाराजी, पाटन के सामी, हरजी, शंखेश्वर, राधनपुर और संतलपुर, सुरेंद्रनगर के लखतर और दसादा, वाव-थराड के सुगाम और वाव और मोरबी का हलवद में बिजली सप्लाई बढ़ाई गई है.
इस फैसले से करीब 1,090 गांवों के 49,000 से अधिक किसानों को सीधा फायदा होने की उम्मीद है. इसके अलावा दाहोद जिले के दाहोद और गरबाडा तालुका के किसानों को रबी फसल की सिंचाई के लिए 12 घंटे बिजली दी जाएगी, जिससे 191 गांवों के 9,700 से अधिक किसानों को फायदा मिलेगा. सरकार का मानना है कि अतिरिक्त बिजली आपूर्ति से रबी मौसम में जीरा और अन्य फसलों की खेती को गति मिलेगी और किसानों की उपज में इजाफा होगा.
उधर, बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के कोयंबटूर से पीएम-किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी की, जिसके तहत देशभर के 9 करोड़ से अधिक किसानों को 18,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. इसमें से गुजरात के 49.31 लाख किसानों को डीबीटी के जरिए 986 करोड़ रुपये मिले.
वहीं, गांधीनगर में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, कृषि मंत्री जितु वघाणी और राज्य मंत्री रमेश कटारा ने विभिन्न कृषि सहायता योजनाओं के स्वीकृति पत्र वितरित किए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती भविष्य की आवश्यकता है और प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए 'एक पेड़ मां के नाम' जैसे अभियानों से हरित आवरण बढ़ाने में मदद मिलेगी.
CM ने बताया कि प्रधानमंत्री की किसान-हितैषी नीतियों के चलते गुजरात के 98% किसानों को दिन में बिजली मिल रही है, जिससे कृषि परिदृश्य बदला है. उन्होंने कहा कि 2005 में शुरू हुआ कृषि महोत्सव 'लैब टू लैंड' मॉडल को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहा है.
कृषि मंत्री वघाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री और राज्य सरकार की कृषि-केंद्रित नीतियां जैसे प्राकृतिक खेती, जीरो बजट फार्मिंग, मशीनीकरण और फसल संरक्षण, किसानों की आय और उत्पादन बढ़ाने में सहायक हैं. उन्होंने बताया कि एमएसपी पर खरीद को बढ़ावा देते हुए राज्य में अब तक 1,100 करोड़ रुपये से अधिक की मूंगफली की खरीद हो चुकी है. (एजेंसी इनपुट के साथ)