मानसून के दिनों में तेज बारिश, बाढ़ आने से फसल, पशुओं, मछलियों सहित ग्रामीण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. फसलों सहित अन्य क्षेत्रों में अधिक नुकसान होने पर सरकार आर्थिक मदद करती है. वहीं मछली पालन और नदी में मछलियों का शिकार करने वाले मछुआरों को खुद ही नुकसान की भरपाई करनी पड़ती थी. लेकिन, अब केंद्र एवं राज्य सरकार नदी में मछलियों का शिकार करने वाले मछुआरों को प्रतिबंधित महीने (जून से अगस्त) में 1500-1500 रुपए किस्त के हिसाब से सालाना 4500 रुपए की मदद करेगी. राज्य सरकार (Bihar Government) की राहत-सह-बचत योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के मछुआरों को राहत प्रदान की जाएगी.
बता दें कि जून से लेकर अगस्त तक मौसम की अनिश्चितताओं के चलते मछली पालक किसान व मछुआरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. वहीं लू, तेज बारिश व बाढ़ के कारण मछली पालक व मछुआरों की आजीविका काफी प्रभावित होती हैं. इन्हीं महीनों में नदियां उफान पर भी होती है. जिसके चलते मछुआरे मछली नहीं पकड़ने जाते हैं. इसलिए सरकार राहत-सह-बचत योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आवेदन मांगी गई है.
राहत-सह-बचत योजना का लाभ पाने के लिए सरकार के द्वारा कुछ शर्ते रखी गई है. जो सरकार के द्वारा जारी शर्तों का पालन करते हैं. उन्हीं को सरकारी मदद का लाभ मिल सकेगा.
मछुआरों को प्रतिबंधित महीने में 1500-1500 रुपए किस्त के हिसाब से सालाना 4500 रुपए पाने के लिए आवेदक को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी. जिनमें स्व प्रमाणित 2 पासपोर्ट साइज फोटो,आवेदक का आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र. वहीं वार्षिक अंशदान की सहमति पूर्णकालिक मत्स्य शिकारमाही कार्य करने से संबंधित त्रिस्तरीय पंचायत समिति के सदस्य/पदाधिकारी अथवा मत्स्यजीवी सहयोग समिति के कार्यकारिणी के किसी सदस्य का अनुशंसा पत्र. और मत्स्यजीवी सहयोग समिति/ निबंधित फेडरेशन/ निबंधित वेलफेयर सोसायटी सदस्यता प्रमाण पत्र के साथ जिला मत्स्य पदाधिकारी-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा निर्गत निःशुल्क मत्स्य शिकारमाही प्रमाण पत्र होना जरूरी है.
यहां से करें ऑनलाइन आवेदन
4,500 रुपए का अनुदान पाने के लिए अभ्यर्थी बिहार सरकार की मत्स्य पालन विभाग की ऑफिशियल बेवसाइट fishries.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.वहीं ऑनलाइन आवेदन 31 जनवरी 2023 स्वीकार किया जाएगा.