SKM ने SC कमेटी की बैठक का न्‍योता ठुकराया, कहा- हम किसान आंदोलन का हिस्‍सा नहीं

SKM ने SC कमेटी की बैठक का न्‍योता ठुकराया, कहा- हम किसान आंदोलन का हिस्‍सा नहीं

बीते 10 महीनों से किसानों को आंदोलन चल रहा है. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई उच्‍चाध‍िकार प्राप्‍त कमेटी 3 जनवरी को किसानों के साथ एक बैठक करने जा रही है. कमेटी ने संयुक्‍त किसान मोर्चा को भी बैठक का न्‍योता दिया था, लेकिन एसकेएम ने इस न्‍योते को ठुकरा दिया है.

Supreme Court HPC MeetingSupreme Court HPC Meeting
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 02, 2025,
  • Updated Jan 02, 2025, 11:24 AM IST

संयुक्‍त किसान मोर्चा ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की ओर से चर्चा में शामिल होने के निमंत्रण को ठुकरा दिया है. यह समित‍ि सुप्रीम कोर्ट ने बनाई है. एचपीसी ने एसकेएम को किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 3 जनवरी को बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया है. लेकिन, किसान संगठन ने इसमें शामिल होने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वे आंदोलन का हिस्‍सा नहीं हैं. संयुक्‍त किसान मोर्चा ने कहा कि किसानों की मांगें केंद्र सरकार से हैं, ऐसे में उन्‍हें इसमें सुप्रीम कोर्ट का हस्‍तक्षेप स्‍वीकार नहीं है.

संयुक्‍त किसान मोर्चा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के आंदोलन के कारण पंजाब की शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों की मोर्चाबंदी को लेकर एचपीसी का गठन किया था, लेकिन हम उस आंदोलन का हिस्सा नहीं है. मालूम हो कि खनौरी और शंभू बॉर्डर पर संयुक्‍त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) आंदोलन का नेतृत्‍व कर रहे हैं.

SC का हस्‍तक्षेप स्‍वीकार नहीं: SKM

संयुक्‍त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा कि 2 सितंबर 2024 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में किसानों को राजनीतिक दलों और राजनीतिक मुद्दों से खुद को सुरक्षित दूरी पर रखने के लिए आगाह किया गया था और उनके सभी मुद्दों पर कोर्ट के हस्तक्षेप से चरणबद्ध तरीके से विचार करने की बात की गई थी.

लेकिन, एसकेएम सैद्धांतिक रूप से न्यायालय के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता है, क्योंकि किसान केंद्र सरकार के साथ नीतिगत मुद्दों पर लड़ रहे हैं, जहां न्यायालय की कोई भूमिका नहीं है. इसलिए एसकेएम सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बनाई गई उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक में शामिल होने में असमर्थता है.

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10 महीने से जारी है आंदोलन

बता दें कि शंभू और खनौरी मोर्च पर किसानों का आंदोलन 13 फरवरी 2024 से जारी है, जिसे 10 महीने से ज्‍यादा समय हो चुका है. वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह डल्‍लेवाल एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत अन्‍य मांगों को लेकर खनौरी बॉर्डर पर पिछले 37 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं. बीते दिन उन्‍हें बोलने में कठ‍िनाई हो रही थी. बीते दिन समाजवादी पार्टी के दो सांसदों ने किसान नेता डल्‍लेवाल से मुलाकात कर उनकी मांगों का समर्थन किया.

वहीं, कुछ लोक कलाकारों ने भी उनसे मुलाकात की. इस बीच अब किसानों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. 4 जनवरी को खनौरी मोर्चे पर 2 लाख से ज्‍यादा किसानों को जुटने के लिए कहा गया है. वहीं 4 जनवरी को हरियाणा के टोहाना में भी किसानों ने महापंचायत बुलाई है. इसके अलावा 9 जनवरी को पंजाब के मोगा में भी किसानों की एक बड़ी बैठक होगी.

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