मराठवाड़ा में भारी बारिश से फसलों को नुकसान, शरद पवार ने किसानों के लिए तुरंत मुआवजे की उठाई मांग

मराठवाड़ा में भारी बारिश से फसलों को नुकसान, शरद पवार ने किसानों के लिए तुरंत मुआवजे की उठाई मांग

Marathwada Crop Compensation Demand: मराठवाड़ा में भारी बारिश और डैमों से पानी छोड़ने के कारण गोडावरी नदी के किनारे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई. धाराशिव,छत्रपति संभाजीनगर, जालना और बीड जिलों के कई क्षेत्रों में किसानों की फसलें और जमीन प्रभावित हुई हैं. एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने राज्य सरकार से किसानों को तुरंत और स्थायी राहत प्रदान करने की मांग की है.

Sharad Pawar Demands Compensation Sharad Pawar Demands Compensation
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 23, 2025,
  • Updated Sep 23, 2025, 5:58 PM IST

महाराष्‍ट्र के छत्रपति संभाजीनगर, जालना और बीड जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश और डैमों से पानी छोड़ने के कारण मंगलवार को गोदावरी नदी के किनारे बसे क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए. मराठवाड़ा क्षेत्र के धाराशिव जिले में पहले से ही बाढ़ की स्थिति थी और पिछले 24 घंटों में 129 राजस्व हलकों में भी भारी वर्षा दर्ज की गई. इस बीच एनसीपी (एसपी) प्रमुख और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि राज्य सरकार को किसानों की मदद के लिए प्रक्रिया को तेज करना चाहिए, जिनके फसल और जमीन को भारी बारिश से नुकसान हुआ है.

तुरंत और स्‍थायी राहत उपायों की उठाई मांग

पुणे में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए शरद पवार ने कहा कि किसानों के लिए राहत उपाय त्वरित और स्थायी होने चाहिए. उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य में अभूतपूर्व बारिश हुई है. ऐसे जिले जो सामान्यतः सूखे के लिए जाने जाते हैं, वहां अत्यधिक बारिश हुई है. इस भारी वर्षा से किसानों का जीवन और उनकी फसलें गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं. उन्होंने बताया कि इस मौसम में सोयाबीन प्रमुख फसल रही, और अन्य फसलों की भी व्यापक मात्रा में खेती हुई है.

पवार ने कहा कि सोलापुर, धाराशिव, परभणी, नांदेड और बीड जिलों में किसानों को अत्यधिक बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है. संकट के ऐसे समय में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे किसानों की मदद करें. केंद्र सरकार की उपलब्ध योजनाओं का उपयोग करके राज्य में किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए.

'इन तीनों स्थित‍ि में मिले मुआवजा'

उन्होंने कहा कि मुआवजा तीनों प्रकार के नुकसान- भूमि कटाव, फसल नष्ट होने और उर्वरक मिट्टी के नुकसान के लिए दिया जाना चाहिए. कई जगहों पर मवेशी भी बह गए हैं और राज्य सरकार को इन सभी मुद्दों पर तुरंत ध्यान देना चाहिए. पवार ने यह भी जोर दिया कि फसल नुकसान का आकलन किसानों की मौजूदगी में किया जाना चाहिए, जिससे उनके विश्वास को सुनिश्चित किया जा सके. राहत उपाय तात्कालिक और स्थायी दोनों होने चाहिए.

छत्रपति संभाजीनगर और बीड जिले में स्थित जयकवाडी और माजलगांव डैम- दोनों लगभग पूरी क्षमता तक भरे हुए हैं और लगातार पानी के आने के कारण उनमें से पानी छोड़ा जा रहा है. जलाशयों में सोमवार रात से ही लगातार भारी बारिश से जलस्‍तर बढ़ा हुआ है. एक राजस्व अधिकारी ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में यह लगभग बादल फटने जैसी स्थिति थी. 

इन इलाकों में हुई भारी बारिश

माजलगांव डैम के जलाशय में स्थित जावलाला और रामोड़ा क्षेत्रों में सोमवार रात से क्रमशः 160 मिमी और 120 मिमी वर्षा दर्ज की गई. वहीं, जयकवाडी डैम के जलाशय में गंगापुर (46 मिमी), पैठण (92 मिमी) और भेंडाला (52 मिमी) क्षेत्रों में बारिश हुई. डैम से गोडावरी नदी में पानी की निकासी मंगलवार सुबह तक क्रमशः 1.03 लाख क्यूसेक और 1.15 लाख क्यूसेक रही.

इसके अलावा, जलना जिले के घनसवांगी और अंबाद तालुका तथा बीड जिले के गेवराई तालुका में भी अत्यधिक बारिश दर्ज की गई. इसके चलते गोडावरी नदी में उफान आया और छत्रपति संभाजीनगर, जालना और बीड के कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई.

धाराशिव जिले में रविवार को हुई भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में पहले ही बाढ़ आ गई थी. सोमवार को परांदा, भुम और वाशी तालुका में भी भारी बारिश जारी रही. पिछले 24 घंटों में छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, धाराशिव, परभणी और हिंगोली के 129 राजस्व हलकों में 65 मिमी या उससे अधिक बारिश हुई. सबसे अधिक 158.25 मिमी वर्षा बीड जिले के पाटोदा के थेर्ला राजस्व हलके में दर्ज की गई.

आठ जिलों वाले मराठवाड़ा क्षेत्र में 1 जून से अब तक औसत बारिश से 28.5 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है. इस दौरान क्षेत्र में 823.8 मिमी वर्षा हुई, जबकि औसत अपेक्षित वर्षा 640.8 मिमी थी. धाराशिव जिले ने 833.5 मिमी वर्षा दर्ज की, जो औसत 560 मिमी से 148.8 प्रतिशत अधिक है. (पीटीआई)

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