
कर्नाटक में गन्ना किसानों का आंदोलन गुरुवार को और तेज हो गया जब नाराज प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मंत्री शिवानंद पाटिल की कार पर चप्पलें फेंक दीं. यह घटना उस समय हुई जब मंत्री पाटिल बेलगावी में आंदोलनरत किसानों से मुलाकात के बाद लौट रहे थे. पिछले आठ दिनों से किसान अपने गन्ने की फसल का बेहतर दाम मांगते हुए धरने पर डटे हुए हैं. मंत्री शिवानंद पाटिल ने प्रदर्शन स्थल पर किसानों से संवाद करते हुए कहा कि गन्ने की कीमत तय करने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है, बल्कि यह केंद्र सरकार के अधीन है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि गन्ने की ‘फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस’ (एफआरपी) तय करने की जिम्मेदारी केंद्र की होती है. पाटिल ने कहा कि “केंद्र में हमारे ही राज्य के केंद्रीय मंत्री इस विभाग को देखते हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. असली जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है और उसे ही इस मुद्दे पर निर्णायक पहल करनी होगी.”
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे आंदोलन को और न बढ़ाएं और शांतिपूर्वक समाधान की दिशा में आगे बढ़ें. पाटिल ने बताया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को पूरे राज्य के शुगर मिल मालिकों की बैठक बुलाई है, जिसमें गन्ना मूल्य को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री स्वयं इस विषय पर गंभीर हैं. हम चाहते हैं कि किसानों को न्याय मिले और उनकी मेहनत का उचित मूल्य तय हो. कल की बैठक में जो फैसला होगा, उसी के आधार पर राज्य सरकार किसानों के पक्ष में कदम उठाएगी.”
इस बीच, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर स्थिति की गंभीरता पर ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री से तत्काल मुलाकात का समय मांगा है ताकि उत्तरी कर्नाटक के बेलगावी, बागलकोट, विजयपुरा, विजयनगर, बीदर, गदग, हुबली-धारवाड़ और हावेरी जिलों में बढ़ते किसान आंदोलन पर चर्चा की जा सके.
मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि राज्य सरकार लगातार किसानों और मिल मालिकों के बीच संवाद स्थापित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन आंदोलन लगातार तेज हो रहा है और किसानों में असंतोष बढ़ रहा है.
उधर, किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर शुक्रवार की बैठक में कोई ठोस समाधान नहीं निकलता है तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा. मुख्यमंत्री की बैठक से ही अब यह तय होगा कि सरकार किसानों को राहत देने के लिए क्या कदम उठाती है या विरोध और उग्र होगा. (एएनआई)