‘…MSP गारंटी का कानून बनाएंगे या मेरी बलि लेंगे’, अनशन पर बैठे डल्‍लेवाल की PM मोदी को चिट्ठी

‘…MSP गारंटी का कानून बनाएंगे या मेरी बलि लेंगे’, अनशन पर बैठे डल्‍लेवाल की PM मोदी को चिट्ठी

किसान नेता जगजीत सिंह डल्‍लेवाल एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर 17 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. उनकी तबीयत काफी बिगड़ चुकी है. डॉक्‍टरों के मुताबिक, कभी भी इमरजेंसी जैसी स्थित‍ि बन सकती है. वहीं, आज उन्‍होंने पीएम को खून से हस्ताक्षरित पत्र लिखा है.

jagjit singh dallewaljagjit singh dallewal
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 12, 2024,
  • Updated Dec 12, 2024, 5:51 PM IST

खनौरी बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. उनके साथ किसान नेता सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. आज उनकी अनशन का 17वां दिन है. अमेरिका से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों और सरकारी डॉक्टरों ने जगजीत सिंह डल्लेवाल का मेडिकल चेकअप कर उनकी सेहत की जानकारी दी है. हेल्‍थ अपडेट में जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत नाजुक बताई गई है. साथ ही कहा गया है कि कभी भी इमरजेंसी जैसी स्थिति बन सकती है. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने खून से हस्ताक्षरित खुला पत्र (ओपन लेटर) को लिखा है. 

माननीय नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री, भारत

विषय - 17 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम खुला पत्र। 

माननीय

मैं देश का एक साधारण किसान "जगजीत सिंह डल्लेवाल " बड़े दुःखी और भारी मन से आपको यह पत्र लिख रहा हूं, MSP गारंटी कानून समेत 13 मांगों को पूरा कराने के लिए 13 फरवरी से संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में किसान आंदोलन चल रहा है, जब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र "भारत" की सरकार टस से मस नहीं हुई तो दोनों मोर्चों के फैसले के अनुसार मैंने 26 नवम्बर से आमरण अनशन शुरू किया है. मेरे आमरण अनशन को आज 17वां दिन है, मुझे उम्मीद है कि आप के सलाहकारों ने मेरे स्वास्थ्य व आंदोलन की स्थिति के बारे में आपको अवगत करा ही दिया होगा.

जिन मांगों पर हमारा आंदोलन चल रहा है, ये सिर्फ हमारी मांगें नहीं हैं बल्कि सरकारों द्वारा अलग-अलग समयों पर किये गए वायदे हैं. आपको याद ही होगा कि 2011 में जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री और उपभोक्ता मामलों की कमेटी के चेयरमैन थे तो आप ने तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय डॉ मनमोहन सिंह को चिट्ठी भेजकर कहा था कि किसान और व्यापारी के बीच में फसल खरीदी सम्बन्धी कोई भी लेनदेन सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे नहीं होना चाहिए और इसके लिए कानून बनना चाहिए. लेकिन, 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद आज तक आपने अपने खुद के वायदे को पूरा नहीं किया.

2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान आप ने कहा था कि यदि आप प्रधानमंत्री बने तो पहली कलम से स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले को लागू करेंगे लेकिन 2015 में आपकी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि आप स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले को लागू नहीं कर सकते.

पंजाब की चीमा मंडी में 32 दिन धरना देने एक बाद 2018 में मैंने और अन्ना हजारे ने दिल्ली के रामलीला मैदान में आमरण अनशन किया तो प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से तत्कालीन कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हमें डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा हस्ताक्षरित चिट्ठी सौंप के गए थे जिसमें लिखा था कि अगले 3 महीने में स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले को लागू कर देंगे लेकिन 6 वर्ष बीत जाने के बावजूद उसे लागू नहीं किया गया.

2020-21 में 378 दिनों तक चले ऐतिहासिक किसान आंदोलन को स्थगित करते समय केंद्र सरकार ने हर किसान के लिए MSP सुनिश्चित करने समेत अनेकों वायदे किये थे जो आज तक अधूरे हैं. माननीय प्रधानमंत्री, हर किसान को MSP सुनिश्चित करना जीवन जीने के मौलिक अधिकार के समान है, MSP कानून न बनाकर केंद्र सरकार करोड़ों किसानों को गरीबी, कर्ज़ और मौत की तरफ धकेल रही है. दोनों मोर्चों के फैंसले के अनुसार मैंने निर्णय लिया कि किसानों की मृत्यु को रोकने के लिए मैं अपनी शहादत दूं, मुझे उम्मीद है कि मेरी शहादत के बाद केंद्र सरकार नींद से जागेगी और MSP गारन्टी कानून समेत हमारी 13 मांगों को पूरा करने की तरफ आगे बढ़ेगी.

अब आप के पास 2 विकल्प हैं, या तो आप अपने 2011 में किये वायदे को पूरा करते हुए देश के किसानों के लिए MSP गारंटी कानून बना दीजिए या फिर आप मेरे आमरण अनशन के माध्यम से मेरी कुर्बानी लेने के लिए तैयार रहें. माननीय नरेंद्र मोदी, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यदि मेरी मृत्यु होती है तो उसकी जिम्मेदारी आप की होगी, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा किसानों से बार-बार की जा रही वायदाखिलाफी से आहत होकर मैंने अपना आमरण अनशन शुरू किया है, जिसे आज 17 दिन हो चुके हैं.

मैं ये भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि यदि शम्भू, खनौरी या रत्नपुरा मोर्चों पर पुलिस की हिंसात्मक कारवाई में कोई जानमाल का नुकसान हुआ तो उसकी जिम्मेदारी भी आपकी होगी. प्रधानमंत्री जी, ये मेरा आपके नाम पहला और आखिरी पत्र है, अब तय आप को करना है कि आप MSP गारंटी कानून बनाएंगे या फिर देश का पेट भरने वाले मेरे जैसे एक साधारण किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल की बलि लेंगे. 

किसान नेताओं ने की ये अपील

किसान नेताओं ने कहा कि दोनों मोर्चों ने कल देशभर में सभी गांवों के किसानों से अपील की है कि वे केंद्र और राज्य सरकारों के पुतले जलाएं और 16 दिसंबर को देशभर में पंजाब के अलावा तमाम राज्यों में जिला और तहसील स्तर पर ट्रैक्टर मार्च निकालें. किसान नेताओं ने कहा कि 16 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च के बाद सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल की हस्ताक्षरित चिट्ठी जिला और तहसील अधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजी जाएगी. पंजाब के किसानों को खनौरी मोर्चे को मजबूत करने की ज़िम्मेदारी दी गयी है और कल से महिलाओं के बड़े-बड़े जत्थे खनौरी मोर्चे पर पहुंचने शुरू हो जाएंगे.

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