गुना जिले की चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में पार्वती कालीसिंध परियोजना के विरोध में किसान आंदोलन तेज हो गया है. हजारों किसान ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि परियोजना को बिना किसी जमीनी सर्वेक्षण के मंजूरी दे दी गई है. उनका दावा है कि यदि इस डैम का निर्माण होता है, तो घाटाखेड़ी समेत 80 से अधिक गांव डूब जाएंगे, जिससे दूर-दराज तक नुकसान होगा.
पूर्व विधायक ममता मीना भी किसानों के समर्थन में मैदान में उतर गई हैं. ममता ने साफ कहा, "डैम के अंदर मुझे भी चुनवा दो, हम सीने पर गोली खा लेंगे लेकिन डैम नहीं बनने देंगे." उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह योजना किसानों के हित में नहीं है और बीजेपी के हाथ किसानों के खून से रंगे हुए हैं.
किसान आंदोलन में कांग्रेस के विधायक जयवर्धन सिंह और बमोरी से विधायक ऋषि अग्रवाल भी शामिल हो गए हैं. जयवर्धन सिंह ने ममता मीना के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि डैम की जरूरत ही नहीं है, तो इसे क्यों बनाया जा रहा है.
प्रदर्शन के दौरान जब किसान कलेक्टर को ज्ञापन देने कार्यालय पहुंचे, तो कलेक्टर और किसानों के बीच बहसबाजी हो गई. कलेक्टर ने किसानों को चेतावनी दी कि यदि कोई कानून तोड़ेगा तो कार्रवाई होगी, जबकि किसानों ने जेल भेजने की धमकी को स्वीकार नहीं किया.
ममता मीना ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि "यह तो ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है." उन्होंने पार्वती कालीसिंध परियोजना के बजाय दो छोटे डैम बनाने की मांग की, जो सभी के लिए लाभकारी होंगे.
जयवर्धन सिंह ने भी कहा कि सरकार किसानों पर तानाशाही कर रही है और परियोजना को लागू करना गलत है. वहीं कलेक्टर का कहना है कि परियोजना शुरू होने से पहले सभी पक्षों को सूचित किया गया था और जो किसान प्रभावित होंगे, उनके लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं.
चाचौड़ा से बीजेपी विधायक प्रियंका मीना भी इस मुद्दे पर दबाव में हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव से भोपाल में चर्चा कर परियोजना में सुधार के लिए पत्र दिया है.
26 जुलाई को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने चाचौड़ा में पार्वती कालीसिंध चंबल परियोजना का शिलान्यास किया था. मुख्यमंत्री ने इसे किसानों के लिए लाभकारी योजना बताया था, लेकिन परियोजना शुरू होने से पहले ही क्षेत्र के किसान सड़कों पर उतरकर विरोध जताने लगे हैं.