संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने सोमवार को किसान नेताओं के खिलाफ हुई कार्रवाई पर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को बड़ी चेतावनी दी है. संगठन पहले से ही 19 मार्च को पंजाब पुलिस की तरफ से हुई कार्रवाई से खासे नाराज हैं और अब पांच मई को जो कुछ हुआ, उसने उन्हें और भड़का दिया है. संगठनों ने एक प्रेस रिलीज जारी कर किसान संगठनों ने अब पुलिस के एक्शन को लेकर वॉर्निंग दी है.
किसान नेता बलवंत सिंह बेहराम समेत बाकी किसानों के साथ पुलिस की तरफ से शंभू और दाता सिंहवाला-खनौरी बॉर्डर पर की गई बदसलूकी के विरोध में किसानों ने 6 मई को शंभू थाने का घेराव करने का ऐलान किया था. लेकिन उससे पहले पंजाब पुलिस ने एक बार फिर कार्रवाई करके किसान नेताओं को नाराज कर दिया है.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की तरफ से एक रिलीज जारी की गई है. इसमें संगठनों की नाराजगी साफतौर पर झलकती है. इस रिलीज में कहा गया है, '19 मार्च को पुलिस द्वारा शंभू और दातासिंहवाला-खनौरी किसान मोर्चों पर की गई हिंसात्मक कारवाई, किसान नेता बलवंत सिंह बेहरामके समेत बाकी किसानों के साथ हुई बदसलूकी के विरोध में और किसानों के 'चोरी हुए समान' की भरपाई के लिए 6 मई को शंभू थाने का एक दिन के घेराव का ऐलान किया गया था.'
इस रिलीज के मुताबिक थाने के घेराव से एक दिन पहले यानी पांच मई को दोनों मोर्चों के वरिष्ठ नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल, दिलबाग सिंह गिल, हरविंदर सिंह मसानिया, काका सिंह कोटड़ा, सुखजीत सिंह, शेरा अठवाल, मनप्रीत सिंह बाथ समेत बाकी नेताओं को बड़ी संख्या में सुबह से ही पुलिस हिरासत में ले रही है. किसान नेताओं के अनुसार किसान नेता डल्लेवाल के गांव डल्लेवाला को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. साथ ही उन्हें घर पर ही नजरबंद किया गया है.
किसान नेताओं ने कहा है कि किसानों ने एक दिन के शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन आयोजित करने का ऐलान किया गया था. जबरन किसानों को कुचलने की कोशिश की जा रही है. लेकिन जबरन किसानों के मुद्दों और आवाज को दबाया नहीं जा सकता है. किसान नेताओं का कहना है कि पुलिस की दमनकारी नीतियों के विरोध में गांव-गांव में भगवंत मान सरकार के पुतले जलाए जा रहे हैं. किसान नेताओं का कहना है कि पहले सीएम मान कहते थे कि उनकी पार्टी भी धरना-प्रदर्शनों से ही निकली है. लेकिन आज वह शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शनों को कुचलने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं. किसानों ने सीएम मान को चेतावनी दी है और कहा है कि इसका खामियाजा उनकी सरकार को आने वाले दिनों में भुगतना पड़ेगा.
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