
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने लोकसभा चुनाव में यूपी की खीरी सीट से लोकसभा चुनाव में मुख्य आरोपी के पिता अजय मिश्रा टेनी को मैदान में उतारने पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की आलोचना की है. एसकेएम ने प्रेस रिलीज में कहा है कि मोदी शासन में कॉरपोरेट-आपराधिक गठजोड़ का पर्दाफाश हो गया है. किसान इसके विरोध में भारत भर के गांवों में मशाल जुलूस निकालेंगे. एसकेएम किसान मजदूर महा पंचायत में अपनी प्रतिक्रिया घोषित करेगा. सभी किसानों से 14 मार्च को रामलीला मैदान, दिल्ली में होने वाली किसान मजदूर महा पंचायत पर ध्यान लगाने की अपील की गई है. दूर-दराज के राज्यों के किसान ग्राम पदयात्रा, सदन अभियान और जिला/स्थानीय महा पंचायत आयोजित करेंगे.
SKM ने प्रेस रिलीज में लिखा है, तीन कृषि अधिनियमों के खिलाफ और अन्य मांगों पर 3 अक्टूबर 2021 को किसानों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन किसानों पर गाड़ी चलाकर हमला किया गया. इससे नक्षत्र सिंह, लवजीत सिंह, दलजीत सिंह और गुरविंदर सिंह और एक पत्रकार रमन कश्यप की मौत हो गई. किसान आंदोलन ने अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने और आईपीसी की धारा 102 के तहत मुकदमा चलाने और सजा दिलाने की मांग की है, लेकिन मोदी सरकार इस पूरी अवधि के दौरान गृह राज्य मंत्री की रक्षा कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा टेनी को गिरफ्तार किया गया और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा मुकदमा शुरू किया गया.
ये भी पढ़ें: Crop Loss: यूपी में बेमौसम बारिश से मिट्टी में मिल गईं रबी फसलें, पढ़ें 10 बड़े जिलों की Ground Report
एसकेएम ने किसानों से खीरी सीट पर टेनी की उम्मीदवारी के खिलाफ और मोदी राज के तहत कॉर्पोरेट-आपराधिक सांठगांठ को उजागर करने के लिए भारत भर के गांवों में मशाल जुलूस आयोजित करने का आह्वान किया है. विरोध की तारीख एसकेएम की संबंधित राज्य समन्वय समितियों द्वारा तय की जाएगी.
ये भी पढ़ें: BKU नेता ने दिया अल्टीमेटम, बोले- एक हफ्ते में किसानों को नहीं मिला मुआवजा, तो यूपी में होगा आंदोलन
एसकेएम ने नई दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान मजदूर महा पंचायत का आह्वान किया है और भारत भर के किसानों से शांतिपूर्ण, व्यापक भागीदारी के साथ इस कार्रवाई को ऐतिहासिक बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की है. 14 मार्च से पहले दिल्ली में कोई अन्य एसकेएम कार्रवाई का आह्वान नहीं करेगा. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोग रामलीला मैदान में बड़े पैमाने पर भाग लेंगे, जबकि अन्य दूर के राज्यों से नाममात्र की भागीदारी रहेगी. दूर दराज के राज्यों की राज्य समन्वय समितियों ने इस दौरान पदयात्रा, सदन अभियान और जिला/तहसील स्तर पर महा पंचायत की योजना बनाई है.